आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के कमजोर होने तथा शादी-विवाह के मौसम की मांग के कारण स्थानीय बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया। आवक बढ़ने के साथ साथ मांग में सुधर होने से बिनौला तेल के दाम भी मामूली मजबूत रहे।
हालांकि मुर्गीदाने में इस्तेमाल होने वाले सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (डीओसी) के ऊंचे दाम पर स्थानीय मांग कमजोर होने की वजह से सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखी गई। सामान्य और सुस्त कामकाज के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम स्थिर रहे।
मलेशिया एक्सचेंज में फिलहाल गिरावट है और शिकागो एक्सचेंज में भी मामूली गिरावट जारी है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि रुपया बृहस्पतिवार को 39 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 90.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच स्थानीय मुद्रा दबाव में रही। इस गिरावट के कारण आयात मंहगा होने से सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार को बल मिला। इसके अलावा शादी-विवाह के मौसम की मांग से भी सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार हुआ।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर ऊंचे दाम पर सोयाबीन डीओसी की कमजोर मांग रहने की वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट आई।
सूत्रों ने कहा कि आवक बढ़ने के बावजूद औद्योगिक मांग बढ़ने से बिनौला तेल के दाम में भी सुधार रहा। सामान्य और सुस्त कामकाज के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम स्थिर बने रहे।