दक्षिण कोरिया: अटलांटा से स्वदेश लौटेगा चार्टर विमान, छापेमारी में पकड़े गए कोरियाई कामगारों को लाएगा वापस

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-09-2025
South Korea: Charter plane will return home from Atlanta, will bring back Korean workers caught in the raid
South Korea: Charter plane will return home from Atlanta, will bring back Korean workers caught in the raid

 

जॉर्जिया

दक्षिण कोरिया का एक चार्टर विमान बुधवार को अटलांटा पहुंचा, जिसका उद्देश्य था उन कोरियाई कामगारों को स्वदेश लाना जिन्हें पिछले हफ्ते जॉर्जिया में इमिग्रेशन छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया था। हालांकि, उसी दिन वापसी की योजना रद्द कर दी गई। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने बाद में घोषणा की कि अब यह उड़ान गुरुवार दोपहर रवाना होगी।

4 सितंबर को हुई इस छापेमारी में कुल 475 कामगार पकड़े गए थे, जिनमें से 300 से अधिक दक्षिण कोरियाई थे। यह छापेमारी हुंडई के विशाल ऑटो प्लांट में निर्माणाधीन बैटरी फैक्ट्री पर की गई थी। अमेरिकी अधिकारियों ने जो वीडियो जारी किया उसमें कामगारों को हाथ, पैर और कमर से जंजीरों में जकड़े दिखाया गया, जिससे दक्षिण कोरिया में गहरा आक्रोश और अमेरिकी सहयोगी पर अविश्वास की भावना पैदा हुई।

दक्षिण कोरिया सरकार ने अमेरिका से समझौते के बाद इन कामगारों की रिहाई सुनिश्चित की। उन्हें हिरासत केंद्र से बसों के ज़रिये लगभग 460 किलोमीटर दूर अटलांटा लाया जाएगा, जहां से वे चार्टर विमान से स्वदेश लौटेंगे।

"हथकड़ी नहीं, स्वेच्छा से वापसी"

विदेश मंत्री चो ह्यून ने वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात कर कहा कि कोरियाई जनता इस अपमानजनक वीडियो से "गहरे सदमे और पीड़ा" में है। उन्होंने आग्रह किया कि कामगारों को बिना हथकड़ी लगाए वापस भेजा जाए और भविष्य में उनकी अमेरिका में पुनः प्रवेश पर कोई प्रतिबंध न लगे।

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे कामगारों की "स्वेच्छा से वापसी" पर जोर दे रहे हैं ताकि उन्हें "डिपोर्टेशन" का दर्जा न दिया जाए, जिससे उनकी 10 साल तक अमेरिका लौटने की संभावना खत्म हो सकती है।

वीज़ा प्रणाली पर उठे सवाल

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि कई कामगार गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कर आए थे, जबकि कुछ वैध वीज़ा पर आए लेकिन उनकी अवधि खत्म हो चुकी थी। वहीं, दक्षिण कोरिया का कहना है कि अमेरिका वर्षों से उनके इस आग्रह पर ध्यान नहीं दे रहा कि कुशल कोरियाई कामगारों के लिए एक विशेष वीज़ा श्रेणी बनाई जाए।

फिलहाल कंपनियाँ, खासकर LG एनर्जी सॉल्यूशन, अपने कर्मचारियों को अमेरिका में B-1/B-2 विज़िट वीज़ा या ESTA पर भेज रही थीं। यह व्यवस्था लंबे समय से अनौपचारिक रूप से मान्य थी, लेकिन अब अमेरिकी अधिकारियों ने इसे लेकर सख्ती बरती है। LG ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे फिलहाल काम पर न जाएं और जिनके पास ESTA है, वे तुरंत स्वदेश लौट जाएं।

विदेश मंत्री चो ह्यून ने अमेरिकी अधिकारियों को सुझाव दिया है कि एक संयुक्त कार्य समूह बनाया जाए, ताकि कोरियाई पेशेवरों के लिए नया वीज़ा कोटा लागू किया जा सके।

राजनयिक तनाव की आशंका

यह छापेमारी अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। दक्षिण कोरिया के लोग इसे राष्ट्रीय अपमान मान रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि महज़ 10 दिन पहले राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से शिखर वार्ता की थी। इससे पहले जुलाई में दक्षिण कोरिया ने अमेरिका में सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश करने का वादा भी किया था।

हालाँकि विशेषज्ञों का मानना है कि सियोल अमेरिका के खिलाफ कोई बड़ा प्रतिशोधी कदम नहीं उठाएगा, लेकिन यह घटना दोनों सहयोगियों के बीच तनाव का कारण ज़रूर बन सकती है।

सैन्य गठबंधन और भविष्य की चिंता

विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना दक्षिण कोरिया-अमेरिका सैन्य गठबंधन पर सीधा असर नहीं डालेगी, लेकिन आर्थिक और राजनीतिक विश्वास पर चोट पहुँचा सकती है। फिलहाल अमेरिका के 28,500 सैनिक दक्षिण कोरिया और 50,000 जापान में तैनात हैं, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की रीढ़ माने जाते हैं।

कैबिनेट परिषद की बैठक में राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने कहा कि उन्हें इस छापेमारी पर "गहरी जिम्मेदारी" का एहसास है और उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में दक्षिण कोरियाई कंपनियों के संचालन में इस तरह की बाधाएँ नहीं आएंगी।