नागपुर (महाराष्ट्र)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में भगवान के प्रति भक्ति और देशभक्ति अलग नहीं हैं, बल्कि एक ही हैं।बुधवार को नागपुर में आयोजित 'सोमनाथ ज्योतिर्लिंग समारोह कार्यक्रम' में भागवत ने कहा कि जो व्यक्ति सच्ची भक्ति करता है, वह देशभक्ति भी करेगा।
उन्होंने कहा, "भगवान के प्रति भक्ति और देशभक्ति थोड़ी भिन्न प्रतीत हो सकती हैं, इसलिए हम दो शब्द इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारे देश भारत में ये दोनों अलग नहीं हैं, ये एक ही हैं। जो सच्ची भक्ति करता है, वह देशभक्ति भी करेगा। और जो व्यक्ति देशभक्ति करता है, उसे भगवान द्वारा भक्ति का मार्ग भी दिखाया जाएगा। यह तर्क नहीं, बल्कि अनुभव है; ऐसा वास्तव में होता है।"
कार्यक्रम में आध्यात्मिक नेता श्री श्री रवि शंकर भी उपस्थित रहे। उन्होंने RSS मुख्यालय का दौरा कर अपनी खुशी जताई और भागवत को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा, "संगठना (RSS) 100 साल की हो रही है। यह संघ का मुख्यालय है, इसलिए मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ।"
5 सितंबर को RSS ने जोधपुर में तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक आयोजित की थी, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसाबले और संबद्ध संगठनों के शीर्ष नेता मौजूद थे। यह बैठक 5 से 7 सितंबर तक चली।
रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में 32 संगठनों के अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। पहले सत्र की शुरुआत भागवत और होसाबले द्वारा भारत माता को पुष्प अर्पित कर और संगठन के मंत्र का सामूहिक पाठ करके की गई। बैठक में चर्चा के मुख्य विषय थे—संघ शताब्दी, पंच परिवर्तन, शिक्षा नीति और आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक विकास।