सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, हिरासत को दी चुनौती

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-10-2025
Sonam Wangchuk's wife files petition in Supreme Court challenging his detention
Sonam Wangchuk's wife files petition in Supreme Court challenging his detention

 

नई दिल्ली

लेह के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका दाखिल की है।

गीतांजलि ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा,"मैंने सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। आज उन्हें हिरासत में लिए एक हफ्ता हो गया है, लेकिन अभी तक मुझे न तो उनके स्वास्थ्य की कोई जानकारी है, न ही उनकी हालत या हिरासत के आधार के बारे में कोई सूचना दी गई है।"

गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक पर लेह में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है। वांगचुक 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे और जब लेह में हिंसा भड़की, तो उन्होंने अनशन तोड़ दिया और एक एंबुलेंस के जरिए वहां से निकल गए।बाद में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया और राजस्थान के जोधपुर जेल भेज दिया गया।

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA), जो कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा और 6वें शेड्यूल में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, उन्होंने वांगचुक समेत 24 सितंबर को हिरासत में लिए गए सभी लोगों की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। साथ ही लेह में हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों के लिए जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की है।

इस गोलीबारी में चार स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई थी, जिनमें शामिल हैं:

  • जिग्मेत डोरजे (खरनाक)

  • रिनचेन डादुल (हानू)

  • स्तानजिन नामग्याल (इगू)

  • त्सेवांग थरचिन (स्कुर्बुचा)

प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और सीआरपीएफ की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया, जिससे जवानों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई।

भीड़ ने स्थानीय बीजेपी कार्यालय और LAB कार्यालय में आगजनी की, साथ ही डीजीपी एस.डी. सिंह जमवाल की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस प्रमुख को हल्की चोटें आईं और वह बाल-बाल बचे।

इस बीच, कई सिविल सोसाइटी संगठनों ने वांगचुक की तत्काल रिहाई और लद्दाख के राजनीतिक मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की मांग दोहराई है।