जम्मू-कश्मीर के डोडा में स्थिति शांतिपूर्ण, निषेधाज्ञा लागू

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 10-09-2025
Situation peaceful in J-K's Doda, prohibitory orders remain in force
Situation peaceful in J-K's Doda, prohibitory orders remain in force

 

जम्मू
 
जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी निषेधाज्ञा लागू रही। यहाँ आप विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने के विरोध में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं।
 
इन प्रतिबंधों का दायरा भद्रवाह घाटी तक बढ़ा दिया गया है और शहर की सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं।
 
मंगलवार को हुई झड़पों में दो अधिकारियों समेत कम से कम आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। मलिक को कथित तौर पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने और कठुआ जेल में बंद किए जाने के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
 
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "स्थिति शांतिपूर्ण है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि ज़िले में नए विरोध प्रदर्शनों की कोई खबर नहीं है।
 
डोडा ज़िले में अधिकारियों ने शांति भंग होने की आशंकाओं, कानून-व्यवस्था की चिंताओं और संभावित गैरकानूनी जमावड़ों के मद्देनज़र मंगलवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी।
 
डोडा के अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ठाकुर ने एक आदेश जारी कर कहा कि अगले आदेश तक पूरे ज़िले में चार या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा।
 
आदेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति भड़काऊ भाषण न दे, नारे न लगाए, या ऐसे हाव-भाव न दिखाए जिससे शांति और सांप्रदायिक सद्भाव भंग हो। सार्वजनिक रूप से लाठी या धारदार हथियार ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 
डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इन प्रतिबंधों का अक्षरशः और पूरी भावना से कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
 
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
 
परिणामस्वरूप, डोडा और भद्रवाह कस्बों के अलावा अन्य कस्बों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर यातायात कम रहा। स्थानीय लोगों ने इंटरनेट सेवा बाधित होने की सूचना दी, लेकिन ज़िला अधिकारियों ने तकनीकी बहाली कार्य के कारण किसी भी प्रतिबंध से इनकार किया।
 
अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह, गंडोह, भलेसा, चिल्ली पिंगल, कहारा और थाथरी सहित ज़िले के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
 
जम्मू, राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ में भी विरोध प्रदर्शन हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने मलिक की नज़रबंदी की निंदा करते हुए इसे "लोकतंत्र पर हमला" बताया।
 
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक से कोई खतरा नहीं है और उन्होंने पीएसए के तहत नज़रबंदी को "गलत" बताया।