सीतारमण ने जीएसटी सुधारों को समर्थन देने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर आभार जताया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 06-09-2025
Sitharaman wrote a letter to the finance ministers of the states and thanked them for supporting GST reforms
Sitharaman wrote a letter to the finance ministers of the states and thanked them for supporting GST reforms

 

नयी दिल्ली
 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव को लागू करने में उनके समर्थन और सक्रिय भूमिका के लिए आभार व्यक्त किया है।
 
सीतारमण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि राज्यों ने कर दरों में बदलाव के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे, लेकिन अंततः इस बात पर सहमत हुए कि जीएसटी दरों में कटौती आम आदमी के हित में है। इसी तर्क के आधार पर इस सप्ताह की शुरुआत में जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी दरों में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।
 
जीएसटी परिषद की बैठक में तीन सितंबर को जीएसटी में व्यापक सुधारों पर सहमति बनी थी। इसके तहत मक्खन से लेकर चॉकलेट, शैंपू से लेकर ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर तक कई उत्पादों की दरें कम हुई हैं। सिगरेट, तंबाकू जैसे अहितकर वस्तुओं समेत जीएसटी के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं पर नयी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
 
जीएसटी परिषद की अध्यक्षता सीतारमण कर रही हैं और इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘कल मैंने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि आप कितनी भी गहन चर्चा और तर्क कर सकते हैं, लेकिन अंततः परिषद ने इस अवसर पर कदम उठाया और देश के सभी लोगों को राहत प्रदान की। और मैं इस सद्भावपूर्ण रुख के लिए आभारी हूं। इसलिए मैंने यह पत्र लिखा।’’
 
सीतारमण ने कहा कि परिषद का काम वाकई ‘उल्लेखनीय’ रहा है।
 
केंद्र के प्रस्तुत प्रस्ताव पर चर्चा के लिए परिषद की तीन सितंबर से दो दिन की बैठक होनी थी, लेकिन दिन भर चली लंबी बैठक के बाद पहले ही दिन इसे मंजूरी दे दी गई।
 
सीतारमण ने कहा, ‘‘परिषद की भावना यह थी कि यह एक ऐसा प्रस्ताव है, जिससे निस्संदेह आम आदमी को लाभ होगा। इसके खिलाफ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है... आखिरकार सभी एक अच्छे उद्देश्य के लिए एक साथ आए और मैं सचमुच बहुत आभारी हूं।’’
 
मंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा से दरों में कमी के पक्ष में रहे हैं और उनकी एकमात्र चिंता कर कटौती के बाद उनके राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर थी।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे अपील की थी, देश के लोगों की खातिर, कृपया...। सिर्फ राज्य ही नहीं, केंद्र भी इस कटौती से प्रभावित होने वाला है। लेकिन हम इसकी भरपाई कर लेंगे, क्योंकि एक बार दरें कम हो जाएंगी, तो लोग खरीदारी के लिए निकलेंगे और इससे (राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव) का मुद्दा सुलझ जाएगा। इस तरह से इस पर आम सहमति बनी।’’