मध्यप्रदेश में 14 बच्चों की मौत पर SIT जांच, डॉक्टर गिरफ्तार, मामला दर्ज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-10-2025
SIT probe into death of 14 children in Madhya Pradesh, doctor arrested, case filed against manufacturer of toxic cough syrup
SIT probe into death of 14 children in Madhya Pradesh, doctor arrested, case filed against manufacturer of toxic cough syrup

 

छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश

छिंदवाड़ा में संदिग्ध किडनी फेल्योर से 14 बच्चों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन मौतों का संबंध "जहरीले" कफ सिरप के सेवन से जोड़ा जा रहा है।

इस मामले में छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रदीप सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि कफ सिरप बनाने वाली कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है। मृतकों में से अंतिम बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए रविवार को exhumed किया गया।

छिंदवाड़ा के अतिरिक्त कलेक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा घोषित 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मृतकों के परिवारों के बैंक खातों में भेज दी गई है। नागपुर में आठ बच्चे इलाजाधीन हैं, जिनमें से चार सरकारी अस्पताल, एक AIIMS और तीन प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं।

इसी बीच, मध्यप्रदेश के बेटूल जिले में भी कोल्डरिफ कफ सिरप पीने के बाद दो बच्चों की मौत होने की खबर मिली है। डॉक्टर सोनी की गिरफ्तारी से आक्रोशित उनके साथियों ने सोमवार से हड़ताल की चेतावनी दी है।

विपक्षी कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार की कथित लापरवाही को लेकर सोमवार से विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है और मृतकों के परिवारों के लिए अधिक वित्तीय मदद की मांग की है।

मध्यप्रदेश सरकार ने तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की कंपनी द्वारा निर्मित कोल्डरिफ कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है। अधिकारियों ने कहा कि इस सिरप के नमूनों में अत्यंत जहरीला पदार्थ डाइएथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है।

मरे हुए बच्चों में से 11 परासिया उपखंड, दो छिंदवाड़ा शहर और एक चौरई तहसील का था। 12 सदस्यों वाली SIT का नेतृत्व परासिया के एसडीओ पुलिस जितेंद्र सिंह जाट कर रहे हैं, जो कंपनी के तमिलनाडु स्थित प्लांट का निरीक्षण करेंगे।

सरकार ने अब तक 1102 बच्चों के सैंपल लिए हैं और 5657 टेस्ट किए हैं, जिनमें से 4868 रिपोर्ट आ चुकी हैं। रविवार को डॉक्टर सोनी को निलंबित भी कर दिया गया।

छिंदवाड़ा मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष कल्पना शुक्ला ने चेतावनी दी है कि यदि डॉक्टर सोनी को रिहा नहीं किया गया तो डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल हो सकती है।

डॉक्टर सोनी और सिरप निर्माता कंपनी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (हत्या की कोशिश) और 276 (दवाओं में मिलावट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उन्हें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27ए के तहत भी आरोपित किया गया है, जिसमें 10 वर्ष से अधिक की जेल हो सकती है।

तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ने 2 अक्टूबर को कोल्डरिफ के नमूने को मिलावटी घोषित करते हुए उसमें डाइएथिलीन ग्लाइकोल की 48.6% मात्रा होने की पुष्टि की थी, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

मध्यप्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने राज्य में इसके आगे के वितरण और बिक्री पर रोक लगा दी है और उपलब्ध स्टॉक जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की अन्य दवाओं को भी जांच तक बिक्री से हटाने का आदेश दिया गया है।

तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगाते हुए मध्यप्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत की खबरों के बाद कार्रवाई की है।मृत बच्चों के सैंपल पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान को भेजे गए हैं, जबकि सिरप में मिलावट की जांच जारी है।

केंद्रीय दवा नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भी छह राज्यों में 19 दवाओं के निर्माण इकाइयों की निरीक्षण कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसमें कफ सिरप और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं।