SIR is for purification of voter list, Bihar gave mandate against infiltrators in the country: Shah
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग की जीत देश में घुसपैठियों के खिलाफ जनादेश है क्योंकि नागरिक कभी भी उन दलों का समर्थन नहीं करेंगे जो ऐसे अवैध प्रवासियों का समर्थन करते हैं।
शाह ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें। शाह ने एसआईआर को मतदाता सूची का ‘‘शुद्धिकरण’’ बताया।
वह गुजरात के कच्छ जिले के भुज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हीरक जयंती (61वें स्थापना दिवस) समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज बीएसएफ देश की सभी सीमाओं पर घुसपैठ रोकने में लगा हुआ है। घुसपैठ रोकना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को दूषित होने से बचाने के लिए भी आवश्यक है।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि, कुछ राजनीतिक दल सरकार के घुसपैठ विरोधी अभियान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष ने एसआईआर पर आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि इससे लाखों मतदाताओं के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
शाह ने कहा, ‘‘वे चुनाव आयोग द्वारा जारी एसआईआर और मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम इस देश से हर एक घुसपैठिए को बाहर निकालेंगे। यह हमारा संकल्प है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा या प्रधानमंत्री कौन होगा, यह निर्णय केवल भारत के नागरिक ही ले सकते हैं। घुसपैठियों को हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को दूषित करने और हमारे लोकतांत्रिक निर्णयों को प्रभावित करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि एसआईआर भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित और शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है और हर नागरिक को इसका पूरा समर्थन करना चाहिए।