शुभांशु के पृथ्वी पर लौटने पर उनकी पत्नी उनके साथ समय बिताने के लिए उत्साहित

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-07-2025
Shubhanshu's wife is excited to spend time with him when he returns to Earth
Shubhanshu's wife is excited to spend time with him when he returns to Earth

 

लखनऊ

अंतरिक्ष में इतिहास रचने के बाद धरती पर लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की पत्नी कामना अपने पति के साथ समय बिताने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। वह उनके साथ घर का बना खाना साझा करने और अंतरिक्ष के अद्भुत अनुभवों को सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।

मित्रों और सहकर्मियों के बीच ‘शुक्स’ के नाम से मशहूर शुभांशु ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन का सफर पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर कदम रखा। वह आईएसएस तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।

वर्तमान में शुभांशु ह्यूस्टन में पृथकवास (क्वारंटीन) में हैं। उनकी पत्नी कामना और छह वर्षीय बेटा कियाश पहले से ही ह्यूस्टन में मौजूद हैं।

कामना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, “शुभांशु के सुरक्षित लौट आने के बाद अब हमारा पूरा ध्यान उनके पुनर्वास पर है ताकि वे आसानी से धरती के माहौल में ढल सकें। यह हमारे लिए किसी उत्सव से कम नहीं कि हम उनसे फिर से मिल पाएंगे।”

उन्होंने बताया कि 25 जून को फ्लोरिडा से स्पेसएक्स मिशन के लिए शुभांशु के रवाना होने के बाद से वह अमेरिका में हैं और लगातार कोशिश कर रही हैं कि पति को घर का बना भोजन मिल सके। “मैं उनके कुछ पसंदीदा व्यंजन पहले से ही तैयार कर रही हूं। मुझे पता है कि अंतरिक्ष में रहते हुए उन्हें घर के खाने की कितनी कमी खली होगी।”

शुभांशु 23 जुलाई तक क्वारंटीन में रहेंगे, हालांकि उन्हें सीमित समय के लिए करीबी लोगों से मिलने की अनुमति है। उन्होंने बुधवार को पत्नी और बेटे से मुलाकात की तस्वीरें ‘इंस्टाग्राम’ पर साझा करते हुए लिखा, “पृथ्वी पर लौटकर परिवार को गले लगाना घर जैसा अहसास था। अंतरिक्ष मिशन अद्भुत होते हैं, लेकिन प्रियजनों से मिलना उससे भी खास है।”

उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि क्वारंटीन के दौरान बेटे से दूरी सबसे कठिन थी। “हर बार जब वह मिलने आता, तो अपनी मां से पूछता—क्या मैं हाथ धो सकता हूं? उसे समझाया गया था कि उसके हाथों में कीटाणु हैं, इसलिए वह मुझे छू नहीं सकता। यह बेहद मुश्किल था।”

शुभांशु ने लोगों को संदेश देते हुए कहा, “अपने प्रियजनों को बताइए कि आप उनसे प्यार करते हैं। हम रोजमर्रा की भागदौड़ में भूल जाते हैं कि लोग कितने अहम होते हैं।”

शुभांशु और कामना की शादी 2009 में हुई थी। दोनों एक-दूसरे को कक्षा तीन से जानते हैं। कामना के अनुसार, अंतरिक्ष प्रवास के दौरान उनके लिए सबसे कीमती पल वे फोन कॉल रहे जो शुभांशु ने आईएसएस से किए। “पहली कॉल अप्रत्याशित थी और मेरे लिए सुकूनभरी भी। हमारी बातें ज्यादातर उनके प्रयोगों और वहां के अनोखे अनुभवों पर होती थीं। यही कॉल्स मेरी ताकत थीं।”

लखनऊ के त्रिवेणी नगर स्थित शुभांशु के घर को बधाई संदेशों से सजाया गया है। कामना ने कहा, “जहां पूरा देश इस उपलब्धि का जश्न मना रहा है, वहीं हम परिवार के बीच निजी पलों का आनंद लेना चाहेंगे। हमारी खुशी शांत हंसी-मजाक और छोटी खुशियों में है।”

उन्होंने माना कि अंतरिक्ष यात्राओं में लंबे समय तक अलग रहना कठिन होता है। “अलगाव दर्दनाक होता है, लेकिन वायु सेना के अनुभव ने हमें धैर्य और समझ सिखाई है। इस दूरी ने हमारे रिश्ते को और मजबूत किया है। आखिरकार, कोई भी कीमती चीज आसानी से नहीं मिलती।”

कामना ने यह भी कहा कि शुभांशु का एक ‘शर्मीले युवक’ से आत्मविश्वासी प्रेरणास्त्रोत बनने तक का सफर उन्हें गर्व से भर देता है। “अंतरिक्ष से बच्चों के साथ उनकी सहज बातचीत देखकर भावुक हो गई। आज वे लाखों युवाओं के रोल मॉडल हैं।”

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के पूर्व छात्र शुभांशु अब अपने स्कूल के ‘पोस्टर ब्वॉय’ बन गए हैं और उन बच्चों के लिए प्रेरणा हैं जो अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखते हैं। कामना के लिए यह सबसे बड़ी खुशी है।