नई दिल्ली. रॉयल सऊदी नौसेना बलों (आरएसएनएफ) के किंग फहद नौसेना अकादमी के 76 प्रशिक्षुओं ने भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) में अपना एफ्लोट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 18 जुलाई को सफलतापूर्वक पूरा किया. यह प्रशिक्षण कोच्चि में तीन सप्ताह तक चला, जिसमें बंदरगाह और समुद्री चरण दोनों शामिल थे.
बंदरगाह चरण में मुख्य रूप से नौवहन, अग्निशमन और क्षति नियंत्रण के सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण पर जोर दिया गया. समुद्री चरण के दौरान, प्रशिक्षुओं को समुद्र में जीवन की बारीकियों से परिचित कराया गया, जिससे उन्हें जहाज संचालन, संचार प्रक्रियाओं और नाविक कौशल विकास पर प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ. इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षुओं को वाटरमैनशिप प्रशिक्षण केंद्र और आईएनएस तरंगिनी पर नौकायन प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया.
107 एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (आईओटीसी) में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षुओं के साथ आरएसएनएफ प्रशिक्षुओं की भागीदारी ने दोनों समुद्री देशों के प्रशिक्षुओं के बीच सौहार्द और मित्रता को बढ़ावा दिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम ने ऐतिहासिक और स्थानीय दर्शनीय स्थलों की यात्रा और भारतीय प्रशिक्षुओं के साथ मैत्रीपूर्ण खेल आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जुड़ाव की भी सुविधा प्रदान की.
समापन समारोह के अवसर पर दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ, आरएडीएम उपल कुंडू ने आरएसएनएफ के प्रशिक्षुओं और निर्देशन स्टाफ के साथ बातचीत की. इस दौरान, प्रशिक्षुओं ने अपने समुद्री अनुभव साझा किए और निर्देशन स्टाफ ने दिए गए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण की सराहना की. समापन समारोह के दौरान, प्रशिक्षुओं को आईएनएस तीर पर पाठ्यक्रम पूरा होने के प्रमाण पत्र और पूर्व छात्र बैज प्रदान किए गए. इस अवसर पर प्रशिक्षुओं की यात्रा पर प्रकाश डालने वाले पाठ्यक्रम संस्मरण का भी अनावरण किया गया.
दो लगातार प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों (2023 और इस वर्ष) का आयोजन, बढ़ी हुई भागीदारी के साथ, दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ती समुद्री साझेदारी का प्रमाण है.
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