आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
संभल जिले की एक स्थानीय अदालत ने पिछले साल 24 नवंबर को भड़की हिंसा में शामिल होने के आरोपी 50 लोगों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय किए. एक शासकीय अधिवक्ता ने यह जानकारी दी.
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि कई आरोपियों की ओर से दाखिल आरोप मुक्त करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि मामले में बचाव पक्ष के पांच वकीलों ने अपर जिला सत्र न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/जनजाति) रागिनी सिंह की अदालत में आरोप मुक्त करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी.
सैनी ने कहा, ‘‘बचाव पक्ष ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों का नाम मूल रिपोर्ट में नहीं था और उन्हें पुलिस ने बिना किसी विश्वसनीय सबूत के गलत तरीके से हिरासत में लिया था। हालांकि, हमने (सैनी) इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि वीडियो फुटेज और अन्य दस्तावेजी सबूतों सहित गहन जांच से घटना में सभी 50 आरोपियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अदालत में मजबूत सबूत पेश किए, जिसमें दृश्य और केस फाइलें शामिल हैं, जो आरोपियों की स्पष्ट पहचान करते हैं.
मामले में आरोप पत्र 21 फरवरी को दाखिल किया गया था. आरोपियों पर अब गंभीर आरोप हैं, जिनमें पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास, दंगा, आगजनी, पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है.
सैनी ने कहा, ‘‘अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपमुक्ति के अनुरोध वाले आवेदनों को खारिज कर दिया और आधिकारिक तौर पर सभी 50 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए.
उन्होंने कहा, ‘‘अब मुकदमा आगे बढ़ेगा, अगली सुनवाई 26 मई को होगी। इस दौरान अभियोजन पक्ष अपने साक्ष्य पेश करना शुरू करेगा.
संभल कोतवाली थाना में उक्त मामला 24 नवंबर की हिंसा के बाद दर्ज किया गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.