Sabarimala gold plated controversy: Opposition again disrupts Assembly proceedings, demands minister's resignation
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केरल में विपक्षी विधायकों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही बाधित की और सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में सोने से मढ़ी तांबे की प्लेटों संबंधी कथित अनियमितताओं को लेकर राज्य के देवस्वओम मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने शुरुआत में विपक्षी यूडीएफ विधायकों के हंगामे को नजरअंदाज करते हुए प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने कार्यवाही स्थगित कर दी।
जैसे ही बैठक शुरू हुई और अध्यक्ष ए एन शमसीर अपने आसन पर आए, विपक्ष के नेता वी डी सतीशन कथित अनियमितताओं के संबंध में उच्च न्यायालय की टिप्पणियों का उल्लेख करने लगे।
उन्होंने न्यायपालिका के निष्कर्षों को ‘चौंकाने वाला’ बताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के अनुसार, सबरीमला में द्वारपालक की मूर्तियों पर चढ़ी सोने की चादर को ऊंची कीमतों पर बेचा गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके जरिए, मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था, त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने न केवल सबरीमला मंदिर की पवित्रता को भंग किया है, बल्कि भगवान अयप्पा के लाखों भक्तों के साथ भी धोखा किया है।
सतीशन ने कहा, ‘‘इसलिए, हमारी पुरजोर मांग है कि देवस्वओम मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और टीडीबी को भंग कर देना चाहिए। और सरकार को अभी फैसले की घोषणा करनी चाहिए।’’
हालांकि, कानून मंत्री पी राजीव और संसदीय कार्य मंत्री एम बी राजेश ने विपक्ष की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि उनका लगातार विरोध प्रदर्शन एक नाटक है।
राजेश ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच का पहले ही स्वागत किया है। विपक्ष के नेता का रुख यह है कि वह माननीय न्यायालय की बात भी नहीं मानेंगे।’’
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष अपने ‘संकीर्ण राजनीतिक लाभ’ के लिए विधानसभा की कार्यवाही बाधित करने की कोशिश कर रहा है। राजेश ने विरोध प्रदर्शन को लेकर यूडीएफ की आलोचना की और कहा कि वे न्यायपालिका, विधानसभा, चर्चा और जनता से डरे हुए हैं और सदन में विरोध प्रदर्शन ‘इसका प्रमाण’ है।