आरएसएस चिंतन बैठक, संघ के कार्यक्रमों को बड़े फलक पर मूर्तरूप देने पर चर्चा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-04-2022
आरएसएस चिंतन बैठक, संघ के कार्यक्रमों को बड़े फलक पर मूर्तरूप देने पर चर्चा
आरएसएस चिंतन बैठक, संघ के कार्यक्रमों को बड़े फलक पर मूर्तरूप देने पर चर्चा

 

रायवाला/ ऋषिकेश. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सात दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन बैठक के छठवें दिन रविवार को संघ के स्वयंसेवकों के दायित्वों और संघ के कार्यक्रमों को बड़े फलक पर सुव्यवस्थित रूप से मूर्तरूप देने पर चर्चा हुई. इस अवसर पर राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका विषय पर संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मार्गदर्शन किया.

 
रायवाला (देहरादून) में गंगातट पर स्थित आरोवैली आश्रम में चल रही संघ की चिंतन बैठक में रविवार को चार सत्रों की शुरूआत से पहले रामनवमी पर्व पर पूजा-अर्चना और हवन हुआ. इसके बाद अलग-अलग सत्रों में अब तक के विमर्श और क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव लिए गए.
 
दोपहर के सत्र में राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका, संघ के कार्यक्रमों के विस्तार और स्वयंसेवकों के कार्यो, दायित्वों पर विमर्श हुआ. सत्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया. इस अवसर पर कहा गया कि संघ एक विचारशील संस्था है, जिसका भाजपा अथवा सरकार से कोई संबंध नहीं है.
 
यह अवश्य है कि भाजपा और उसकी सरकारों में हमारी विचारधारा के लोग हैं. भारत के पड़ोसी देशों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि यदि हमारा नेतृत्व मजबूत नहीं होगा तो इसका असर राष्ट्र के विकास और प्रगति पर पड़ेगा.
 
चिंतन बैठक में अब तक विभिन्न बिंदुओं पर हुए मंथन में निकले निष्कर्ष को धरातल पर मूर्त रूप देने का आह्वान किया गया. कहा गया कि राष्ट्र का विकास सर्वोपरि है और प्रत्येक स्वयंसेवक इसमें अपनी भूमिका निभाता आया है। संघ से अब समाज की अपेक्षाएं बढ़ती जा रही हैं. इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति और वर्ग तक संघ की विचारधारा को प्रमाणिकता व सही स्वरूप में पहुंचाने की आवश्यकता है.
 
अन्य सत्रों में संघ के शीर्ष नेताओं ने मार्गदर्शन किया और कहा कि संघ के विस्तार ले रहे कार्यों व वर्गों को बड़े फलक पर धरातल पर उतारने के लिए सभी स्वयंसेवकों की अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. रविवार को सायंकालीन सत्र में रामनवमी के उपलक्ष्य में भजन-कीर्तन हुए.
 
बैठक के विभिन्न सत्रों में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय सह बौद्धिक शिक्षा प्रमुख सुनील भाई मेहता, अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षा प्रमुख स्वांत रंजन, अखिल भारतीय निमंत्रित सदस्य रविंद्र जोशी, क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, प्रांत प्रचारक युद्धवीर, चिंतन उपाध्याय, प्रेम शंकर, कौशल, क्षेत्र संघचालक राजन, प्रांत कार्यवाह जयप्रकाश, के रमेश आदि ने भाग लिया.