Revenue officials should have refused to make defective registrations: Ajit Pawar
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कानूनी रूप से अस्वीकृत समझौतों को दर्ज करने से इंकार कर देना चाहिए था और संबंधित पक्षों को ऐसी सीमाओं के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी देनी चाहिए थी।
उप-पंजीयक ने पुणे में विवादित भूमि सौदे के संबंध में पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी से 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी और जुर्माने को लेकर एक नोटिस जारी किया है, जिसके बाद पवार ने यह टिप्पणी की है।
हाल में बंबई उच्च न्यायालय ने भूमि सौदे की पुलिस जांच के संबंध में तीखे सवाल पूछे थे और कहा था कि अधिकारी प्राथमिकी में पार्थ पवार का नाम शामिल न करके शायद उन्हें बचा रहे हैं।
अजित पवार ने शुक्रवार को विधानसभा से पारित एक विधेयक से उपजी धारणाओं को दूर करने की कोशिश की, जिसके तहत आईजीआर (महानिरीक्षक पंजीयन) से जुड़े विवादास्पद मामलों में सुनवाई करने का अधिकार राजस्व मंत्री को दिया गया है।