जम्मू-कश्मीरः उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, खून की हर बूंद का लेंगे बदला

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 2 Years ago
कश्मीर में कायरतापूर्ण कृत्य से लोगों में क्षोभ
कश्मीर में कायरतापूर्ण कृत्य से लोगों में क्षोभ

 

आवाज- द वॉयस/ नई दिल्ली

श्रीनगर के ईदगाह इलाके के बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गुरुवार सुबह प्राचार्य समेत दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी. इन हत्याओं को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है आतंकवाद की इन घटनाओं पर सूबे के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों की सहायता करने और उन्हें उकसाने वालों को चेतावनी दी है कि निर्दोष नागरिकों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा.

सिन्हा ने कहा, “हमने मानवता के दुश्मनों को खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को खुली छूट दे दी है, और जल्द ही आतंकवादी और उनकी सहायता करने वाले और उन्हें उकसाने वाले अपने जघन्य अपराधों के लिए भुगतान करेंगे.” उप-राज्यपाल ने कहा, “दशकों के बाद,जुलाई में 10.5 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए. अगस्त में यह आंकड़ा 11.28 लाख था और सितंबर में यह संख्या 12 लाख को पार कर गई. सीमा पार के कुछ तत्वों और केंद्र शासित प्रदेश में उनके सहयोगियों को इस तरह की वृद्धि और समृद्धि से समस्या है. मैं जम्मू-कश्मीर के बुद्धिजीवियों से भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह करता हूं, ताकि हम मानवता के सबसे बड़े दुश्मन को हरा सकें.’’

जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा, “कश्मीर घाटी में नागरिकों की हत्या स्थानीय मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में लंबे समय से चली आ रही भाईचारे की परंपरा को आहत करने के लिए सांप्रदायिक आग की लपटों को भड़काने के लिए हत्या की ये हरकतें की जा रही हैं.”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लोगों की सेवा कर रहे नागरिकों को आतंक का माहौल बनाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है.

ऑल पार्टीज सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी (एपीएससीसी) ने गुरुवार को श्रीनगर के ईदगाह में दो सरकारी शिक्षकों सुरिंदर कौर और दीपक चंद की हत्या की कड़ी निंदा की है. शिक्षिका सुरिंदर कौर स्थानीय थी और आलूची बाग की रहने वाली थी.

एपीएससीसी के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने कहा है कि हत्याएं कश्मीर घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को उन तत्वों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जो अपने सियासी मकसद के लिए स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं.

रैना ने विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे सिख युवाओं से अपने काम का बहिष्कार करने और अपने घरों में बैठने को कहा है. उनकी मांग सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की है. उन्होंने बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से हस्तक्षेप करने और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए कहा.

उधर, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर इन घटनाओं पर चिंता जाहिर की है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा,“कश्मीर में बिगड़ती स्थिति को देखकर परेशान हूं, जहां अल्पसंख्यक तबका नया लक्ष्य है. नया कश्मीर बनाने के भारत सरकार के दावों ने वास्तव में इसे नरक में बदल दिया है. इसका एकमात्र हित कश्मीर को अपने चुनावी हित के लिए दुधारू गाय के रूप में इस्तेमाल करना है.”  

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी स्कूली शिक्षकों की हत्या के घिनौने कृत्य की कड़ी निंदा की है. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक बयान में स्कूली शिक्षकों की हत्या पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय कृत्य बताया है.

स्कूल शिक्षकों की बर्बर हत्या हत्यारों की ओर से परेशान करने वाली और नासमझी की कार्रवाई थी, जेकेपीसीसी ने कहा और नुकसान पर दुख व्यक्त किया, सरकार से अनुकरणीय सजा के लिए हत्यारों की पहचान का पता लगाने का आग्रह किया.

 

जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड स्कूल टीचर्स एसोसिएशनने इस घटना को क्रूर बताया है और इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा की है.