राजस्थानः मस्जिद कमेटियों ने समझी आधुनिक शिक्षा की अहमियत, दे रही हैं शिक्षा पर जोर

Story by  अशफाक कायमखानी | Published by  [email protected] | Date 12-01-2022
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

 

अशफाक कायमखानी/ जयपुर

राजस्थान में मस्जिद कमेटियों ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाए हैं. बेशक, मस्जिद कमेटियों का काम अब तक नमाज अदा करने के लिए समझा जाता रहा है. लेकिन अब राजस्थान में कमेटियों ने तालीम के क्षेत्र में भी अपनी उपयोगिता साबित करने की दिशा में कमर कस ली है और आधुनिक शिक्षा का प्रबंध करने की तरफ कदम बढ़ाने का मन बना लिया है.

हालांकि, अधिकांश मस्जिद प्रबंध समितियों ने मस्जिद परिसर में किसी न किसी रूप में पवित्र किताब कुरान-ए-पाक को उसकी मूल भाषा अरबी में पढ़ना सीखने का इंतजाम मकतब बनाकर कर रखा है. लेकिन अब आधुनिक शिक्षा की कोचिंग देने और उससे जुड़ी पढ़ाई-लिखाई के लिए आवश्यक किताबों का जखीरा लाईब्रेरी के रूप में जरूरतमंदो के लिए उपलब्ध करवाने का फैसला किया गया है.

राजस्थान के अजमेर जिले के नसीराबाद कस्बे की जामा मस्जिद के एक कमरे में शुरुआती तौर पर बाकायदा फर्नीचर लगाकर लाईब्रेरी और बच्चों को विज्ञान और गणित के साथ अन्य विषयों की कोचिंग आला दर्जे के अध्यापकों के जरिए निशुल्क दिलवाने का कदम उठाया गया और इसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.

मस्जिद परिसर का नमाज के अलावा अधिकांश समय उपयोग नहीं होता है. कभी-कभार  मस्जिद परिसर का इस्तेमाल निकाह के लिये भी किया जाता है. अब मस्जिद कमेटियों के इस फैसले के बाद इन परिसरों का इस्तेमाल गरीब बच्चों को तालीम देने में किया जा सकेगा.