नई दिल्ली/बिहार
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार सुबह बिहार के लिए रवाना हो गए हैं. वे बेगूसराय में आयोजित ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार द्वारा आयोजित की गई है.
यात्रा का उद्देश्य बिहार में बेरोजगारी, युवाओं के पलायन और सरकारी नौकरियों की कमी जैसे अहम मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना है.
राहुल गांधी का युवाओं को संदेश
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा:"बिहार के युवा मित्रों, मैं 7 अप्रैल को आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर 'पलायन रोको, नौकरी दो' अभियान में शामिल होने आ रहा हूं. आइए मिलकर बिहार को अवसरों का राज्य बनाएं."
उन्होंने युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहनकर इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और कहा: "सफेद टी-शर्ट पहनकर आएं, सवाल पूछें, आवाज उठाएं और सरकार को जवाबदेह बनाएं.
राहुल ने अपने संदेश में बिहार के युवाओं की समस्याओं को भी गिनाया—
बेरोजगारी
महंगाई
पेपर लीक
सरकारी नौकरियों में कटौती
निजीकरण की चुनौती
कन्हैया कुमार की 'पलायन यात्रा' का मकसद
कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चल रही यह यात्रा बिहार के युवाओं की आवाज को राष्ट्रीय फलक पर लाने का प्रयास है. कन्हैया ने कहा है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि युवाओं के अधिकारों की लड़ाई है.
पटना में राहुल गांधी करेंगे जनसभा को संबोधित
बेगूसराय में यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी पटना में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां वे बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और केंद्र व राज्य सरकार की विफलताओं पर बोलेंगे। यह दौरा आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस की जनसंपर्क रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है.
बीजेपी का पलटवार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के बिहार दौरे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:"कांग्रेस ने 60 साल तक शासन किया, गरीबी हटाने का नारा दिया, लेकिन कुछ नहीं किया.
आज मोदी सरकार ने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया है। राहुल गांधी जब नीतीश कुमार का विकास और मोदी जी की सड़कों को देखेंगे तो उनकी आंखें चमक उठेंगी."उन्होंने ये भी याद दिलाया कि 1985 में राजीव गांधी ने बेगूसराय में पेट्रोकेमिकल्स की घोषणा की थी, जो कभी पूरी नहीं हुई.
राहुल गांधी का बिहार से पुराना जुड़ाव
राहुल गांधी इससे पहले भी 18 जनवरी और 5 फरवरी 2025 को बिहार का दौरा कर चुके हैं. वह लगातार बिहार के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं, खासतौर पर युवाओं और छात्रों के अधिकारों को लेकर.
राहुल गांधी का यह दौरा बिहार में विपक्ष को सशक्त करने और कांग्रेस की मौजूदगी को मजबूत करने की रणनीति के तहत देखा जा रहा है. ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के जरिए कांग्रेस नेतृत्व युवा मतदाताओं को लामबंद करना चाहता है, वहीं भाजपा इसे राजनीतिक नौटंकी बता रही है. चुनावी मौसम में यह यात्रा बिहार की सियासी सरगर्मी को और तेज करने वाली है.