आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के लिए जारी प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा भारत-फ्रांस संबंधों का ‘‘सकारात्मक’’ रूप से मूल्यांकन किया।
मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।
दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के लिए जारी प्रयासों पर विचार-विमर्श किया तथा प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के आह्वान को दोहराया।
पिछले महीने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन के अपने समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता के दौरान उपस्थित यूरोपीय नेताओं में मैक्रों भी शामिल थे।
मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और उसका सकारात्मक मूल्यांकन किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन में संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों समेत अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।’’
हालांकि, इस संबंध में पता नहीं चल सका है कि मोदी-मैक्रों की बातचीत में अमेरिका की शुल्क (टैरिफ) नीति के निहितार्थ पर चर्चा हुई या नहीं।
एक बयान के अनुसार मोदी ने फरवरी, 2026 में भारत द्वारा आयोजित किये जाने वाले ‘एआई इम्पैक्ट समिट’ के निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए मैक्रों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह फ्रांस के राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।
इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आर्थिक, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में विकास की समीक्षा की और उसका सकारात्मक मूल्यांकन किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘नेताओं ने क्षितिज 2047 रोडमैप, हिंद-प्रशांत रोडमैप और रक्षा औद्योगिक रोडमैप के अनुरूप भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में हाल के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया।’’
इसमें कहा गया कि दोनों नेता वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में बने रहने तथा मिलकर काम करने पर सहमत हुए।