13.79 km ropeway project in Shimla approved: Deputy Chief Minister of Himachal Pradesh
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को कहा कि शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबे रोपवे परियोजना को मंजूरी मिल गई है.
उन्होंने इसे राज्य को स्विट्जरलैंड की तरह पर्यटन केन्द्र बनाने की दिशा में एक अहम कदम बताया.
एक बयान के अनुसार, अग्निहोत्री ने एक बयान में कहा कि 1,734.70 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना चार साल में पूरी होगी.
उन्होंने कहा कि शिमला रोपवे यातायात जाम कम करने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने और आधुनिक, पर्यावरण-हितैषी परिवहन साधन उपलब्ध कराने में मददगार होगा.
यह रोपवे तीन लाइनों, 14 सेक्शनों और 13 स्टेशनों से होकर गुजरेगा जो राज्य सचिवालय, अस्पतालों, स्कूलों, रेलवे स्टेशन और मुख्य बस अड्डों को जोड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ‘स्मार्ट सिटी परियोजना’ के तहत शिमला में अगले दिसम्बर तक 50 करोड़ रुपये की लागत से 19 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और 25 करोड़ रुपये की तीन अन्य परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाबा बालकनाथ मंदिर (65 करोड़ रुपये), बिजली महादेव (278.62 करोड़ रुपये) और माता चिंतपूर्णी मंदिर (76.50 करोड़ रुपये) के रोपवे निर्माण का कार्य प्रगति पर हैं।
इन सभी परियोजनाओं को जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
देश का पहला ग्रामीण रोपवे, बगलामुखी रोपवे का उद्घाटन दिसम्बर 2024 में किया गया था। 53.89 करोड़ रुपये की लागत से बने इस रोपवे से 69,000 यात्रियों को सुविधा मिली है और यह स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों में भी जीवनरेखा साबित हुआ है।
अग्निहोत्री ने कहा कि कुल्लू में 1.20 किलोमीटर लंबे ‘ढालपुर-पीज रोपवे’ का काम तेजी से किया जा रहा है। इस परियोजना की जून 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शिमला को परवाणू से 38 किलोमीटर लंबे रोपवे के जरिये जोड़ने की योजना बना रही है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर बनने वाली इस परियोजना पर 5,602.56 करोड़ रुपये की लागत आएगी।