श्रीनगर. नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में योगदान देना चाहेंगे, जो ‘एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है’.
हालांकि, उन्होंने विपक्षी नेताओं को अगले महीने होने वाले चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में उनका नाम प्रस्तावित करने के लिए धन्यवाद दिया.
उनकी पार्टी द्वारा जारी एक बयान में, लोकसभा सदस्य ने कहा कि वह सम्मानित महसूस करते हैं कि उनका नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया गया था.
अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव करने के बाद, मुझे विपक्षी नेताओं से मेरी उम्मीदवारी के समर्थन की पेशकश करने वाले कई फोन आए.’’
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस ‘अप्रत्याशित’ घटनाक्रम के बारे में अपनी पार्टी और परिवार के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सर्वोच्च पद के लिए मुझे जो समर्थन मिला है और सम्मानित किया गया है, उससे मैं गहराई से प्रभावित हूं. मेरा मानना है कि जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है.’’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि उनके पास ‘‘मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति है और जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हैं’’.
नेकां के बयान में बनर्जी और उनके समर्थन की पेशकश करने वाले सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इसलिए, मैं सम्मानपूर्वक अपना नाम विचार से वापस लेना चाहता हूं और मैं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए तत्पर हूं.’’