राष्ट्रपति मुर्मू ने अगली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण सौंपने की जिम्मेदारी याद दिलाई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 29-03-2025
President Murmu reminds responsibility to pass on clean environment to next generation
President Murmu reminds responsibility to pass on clean environment to next generation

 

नई दिल्ली

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अगली पीढ़ी के लिए पर्यावरण को पोषित करने और उसकी रक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह माता-पिता की अपने बच्चों के प्रति "नैतिक जिम्मेदारी" है.
 
'पर्यावरण - 2025' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण की विरासत प्रदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. इसके लिए हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक और संवेदनशील जीवनशैली अपनानी होगी ताकि पर्यावरण न केवल संरक्षित हो बल्कि संवर्धित भी हो."
 
उन्होंने ऐसे कार्यों का आह्वान किया जिससे पर्यावरण अधिक जीवंत हो सके और कहा, "स्वच्छ पर्यावरण और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाना एक अवसर और चुनौती दोनों है."
 
राष्ट्रपति ने कहा: "हम सभी को 2047 तक भारत को स्वच्छ हवा, पानी, हरियाली और समृद्धि के साथ एक विकसित राष्ट्र बनाना है जो पूरे विश्व समुदाय को आकर्षित करेगा."
 
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हर परिवार में बड़े-बुजुर्ग इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनके बच्चे किस स्कूल या कॉलेज में पढ़ेंगे और कौन-सा करियर चुनेंगे. राष्ट्रपति ने कहा, "यह चिंता जायज है." "लेकिन, हम सभी को यह भी सोचना चाहिए कि हमारे बच्चे किस तरह की हवा में सांस लेंगे, उन्हें किस तरह का पानी पीने को मिलेगा, वे पक्षियों की मधुर आवाज सुन पाएंगे या नहीं, वे हरे-भरे जंगलों की खूबसूरती का अनुभव कर पाएंगे या नहीं." उन्होंने कहा कि इन विषयों के आर्थिक, सामाजिक और वैज्ञानिक पहलू हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी विषयों से जुड़ी चुनौतियों का एक नैतिक पहलू भी है. 
 
उन्होंने कहा कि जागरूकता और सभी की भागीदारी पर आधारित निरंतर सक्रियता से ही पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन संभव होगा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा आयोजित 'पर्यावरण - 2025' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाकर पर्यावरण संबंधी चुनौतियों पर चर्चा करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और सतत पर्यावरण प्रबंधन के लिए भविष्य की कार्य योजनाओं पर सहयोग करना है. राष्ट्रपति ने कहा कि एनजीटी ने देश के पर्यावरण शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
 
पर्यावरण न्याय या जलवायु न्याय में हरित न्यायाधिकरण द्वारा निभाई गई निर्णायक भूमिका की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा: "एनजीटी द्वारा दिए गए ऐतिहासिक निर्णयों का हमारे जीवन, हमारे स्वास्थ्य और हमारी धरती के भविष्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता है."
 
उन्होंने पर्यावरण प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी संस्थाओं और नागरिकों से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया.
 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अपनी हरित पहलों के माध्यम से विश्व समुदाय के सामने कई अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं और उम्मीद है कि देश हरित नेता की भूमिका निभाता रहेगा.