PM मोदी के फैसले से $40 बिलियन तक बढ़ सकता है स्पेस सेक्टर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 25-06-2025
PM Modi's decision can increase space sector to $40 billion
PM Modi's decision can increase space sector to $40 billion

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ऐतिहासिक निर्णय को "भारत की अंतरिक्ष यात्रा का सबसे बड़ा मोड़" बताया, जिसमें निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने कहा कि इस फैसले के परिणामस्वरूप भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में "चमत्कारी परिवर्तन" देखने को मिला है और यह अगले 8 से 10 वर्षों में 40 से 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है.

"मोदी जी का निर्णय भारत के लिए क्रांतिकारी साबित हुआ" एएनआई से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा, "पिछले 4-5 वर्षों में जो बदलाव हुए हैं वो अविश्वसनीय हैं.  हजारों करोड़ की निजी निवेश की घोषणाएं हो चुकी हैं. यह सब प्रधानमंत्री मोदी के उस फैसले का परिणाम है जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोला। यह साहसी निर्णय केवल एक दूरदर्शी नेतृत्व ही ले सकता था.
 
Axiom-4 मिशन: भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं की नींव भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस समय Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर हैं. यह भारत की 41 साल बाद पहली मानव अंतरिक्ष यात्रा है और इसमें शुभांशु सात अहम वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.
 
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी एक्स पर लिखा, "भारत की अंतरिक्ष यात्रा अब 'विकसित भारत' की ओर अग्रसर हो चुकी है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए सुधारों के बाद ISRO की वैश्विक भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे भारत अब अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में शामिल हो चुका है.
 
7 महत्वपूर्ण प्रयोग, जो भारत के भविष्य को दिशा देंगे
 
डॉ. सिंह ने बताया कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला अपने मिशन के दौरान भारत की शीर्ष वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा डिजाइन किए गए सात प्रमुख प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी, दीर्घकालिक स्पेस स्टे और जैविक प्रक्रियाओं पर आधारित होंगे, जो आने वाले मिशनों के लिए तकनीकी रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।
 
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने के बाद से कई स्टार्टअप्स और निजी कंपनियां सामने आई हैं. स्पेस स्टार्टअप्स में तेजी से निवेश हो रहा है, जो इस क्षेत्र की प्रगति को और तेज कर रहा है. "अब स्पेस सेक्टर किसी एक सरकारी संस्था तक सीमित नहीं रहा. आज हमारे पास हजारों युवा वैज्ञानिक, इंजीनियर और उद्यमी हैं जो भारत की अंतरिक्ष ताकत को और ऊंचाई दे रहे हैं.
 
निष्कर्ष: भारत अंतरिक्ष की अगली महाशक्ति बनने को तैयार
 
भारत की अंतरिक्ष नीति अब सिर्फ चंद्रमा तक सीमित नहीं है. चंद्रयान-4, गगनयान, सौर मिशन और अब 'भारत स्पेस स्टेशन' जैसे बड़े अभियानों की दिशा में देश तेजी से बढ़ रहा है और इन सभी प्रयासों की बुनियाद प्रधानमंत्री मोदी का वह निर्णय है, जिसने भारत के स्पेस सेक्टर को जनता और निजी भागीदारी के लिए खोल दिया.