ब्रासीलिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को नामीबिया के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने ब्राजील में अपने दो दिवसीय दौरे को सफलतापूर्वक पूरा किया, जहां उन्होंने 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, आतंकवाद और वैश्विक सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा,"रियो डि जेनेरो में सफल 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और ब्रासीलिया में राज्य स्तरीय यात्रा के साथ ब्राजील का एक यादगार दौरा संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अपने पांच देशों के दौरे के अंतिम पड़ाव नामीबिया के लिए रवाना हो गए हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी का यह पांच देशों का दौरा है और नामीबिया उनकी अंतिम यात्रा होगी।
ब्रासीलिया में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति लूला के साथ "उत्पादक वार्ता" की। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने जानकारी दी कि इन वार्ताओं में व्यापार संबंधों को विविधता देने, स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास, और जलवायु परिवर्तन से निपटने जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
इसके अतिरिक्त, रक्षा, सुरक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में कहा:"राष्ट्रपति लूला के साथ सार्थक बातचीत हुई, जो हमेशा भारत-ब्राजील मित्रता को लेकर उत्साहित रहते हैं। हमने द्विपक्षीय व्यापार को गहराने और विविध बनाने के उपायों पर चर्चा की। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में इन संबंधों में अपार संभावनाएं हैं।"
इस दौरे के दौरान भारत और ब्राजील ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी को ब्राजील का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस" से भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को भारत-ब्राजील संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक मंचों पर द्विपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करने में उनके योगदान के लिए दिया गया।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि "महत्वपूर्ण खनिजों और तकनीकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित बनाने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, ताकि कोई भी देश इन संसाधनों का उपयोग स्वार्थ या हथियार के रूप में न कर सके।"
गौरतलब है कि ब्रिक्स समूह जिसमें अब तक ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, में हाल ही में पांच नए देशों — मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भी शामिल किया गया है।