नई दिल्ली
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद देश की सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.इस बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, परिचालन तैयारियों और नागरिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और निरंतर सतर्कता तथा स्पष्ट संवाद की आवश्यकता पर विशेष बल दिया.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बैठक में निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई:
नागरिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की रणनीति,फर्जी खबरों और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के उपाय,महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना,और मंत्रालयों तथा राज्य स्तरीय संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना.
बैठक में रक्षा, गृह, विदेश, सूचना एवं प्रसारण, ऊर्जा, स्वास्थ्य और दूरसंचार सहित कई मंत्रालयों के सचिवों तथा कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान संवेदनशील हालात में सभी मंत्रालयों को "संपूर्ण सरकार" दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करना होगा.उन्होंने मंत्रालयों से कहा कि वे अपने विभागों की तैयारियों की गहन समीक्षा करें और आपात स्थिति में कार्यप्रणाली में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करें.
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा:"इस समय हमें पूरी चौकसी के साथ कार्य करना होगा.मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच सुचारू और निरंतर समन्वय, हमारी रणनीतिक सफलता की कुंजी है."
इस बैठक का आयोजन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक मिसाइल कार्रवाई के एक दिन बाद हुआ.इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे मुरीदके को निशाना बनाया गया.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26निर्दोष नागरिक मारे गए थे, के जवाब में अंजाम दिया गया.बैठक के अंत में प्रधानमंत्री ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि वे अपनी-अपनी कार्ययोजनाओं की समीक्षा करें और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत करें.सभी मंत्रालयों ने भरोसा दिलाया कि वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.