PM Modi, Amit Shah, Rajnath Singh, Nitin Gadkari take oath as Members of Parliament
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
सोमवार को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ली. केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, चिराग पासवान, किरेन रिजिजू, नितिन गडकरी और मनसुख मंडाविया ने 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गिरिराज सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, जेडी(यू) सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह, बीजेपी सांसद पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली.
इससे पहले नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी और कहा कि नई सरकार हमेशा सभी को साथ लेकर चलने और देश की सेवा के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास करेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज संसदीय लोकतंत्र में गौरव का दिन है, गौरव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारी नई संसद में शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है. अभी तक यह प्रक्रिया पुराने सदन में होती थी. इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं, उन्हें बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं."
प्रधानमंत्री ने देश की जनता को उनके समर्थन और लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करने के लिए जनादेश देने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "संसद का यह गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों को पूरा करने के लिए है. यह नए जोश और उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का अवसर है. 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य के साथ 18वीं लोकसभा आज से शुरू हो रही है." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव इतने भव्य और शानदार तरीके से संपन्न हुआ. 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर अपनी मुहर लगाई है.
मैं आप सभी के समर्थन और विश्वास के लिए आभारी हूं." उन्होंने आगे कहा कि आज लोकसभा का नया सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए वे सभी को साथ लेकर और संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए फैसले लेने में तेजी लाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में हमने हमेशा एक परंपरा को लागू करने का प्रयास किया है क्योंकि हमारा मानना है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए, हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को सभी की सहमति से और सभी को साथ लेकर पूरा करें.
हम सभी को साथ लेकर और संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए फैसले लेने में तेजी लाना चाहते हैं." प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि देश को उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा. उन्होंने कहा कि लोग नारे नहीं, बल्कि ठोस बातें चाहते हैं. उन्होंने कहा, "देश को उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा. संसद सत्र में लोग अपने प्रतिनिधियों से देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस और चर्चा की उम्मीद करते हैं. वे संसदीय कार्यवाही में व्यवधान या बाधा की उम्मीद नहीं करते. लोग नारे नहीं, ठोस बातें चाहते हैं. देश को एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है. मुझे यकीन है कि 18वीं लोकसभा में हम सब मिलकर देश की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे."