कोलकाता
उत्तर बंगाल में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद राहत कार्यों के दौरान भाजपा के दो नेताओं पर हमले की घटना ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक टकराव को हवा दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की आलोचना की, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए उन पर प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में सोमवार को भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष पर उस समय हमला हुआ, जब वे भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लापता हैं।
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा:“पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हमारे कार्यकर्ताओं—एक सांसद और एक विधायक—पर हमला बेहद भयावह है। यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति और टीएमसी की असंवेदनशीलता को उजागर करती है।”
प्रधानमंत्री की टिप्पणी के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ‘X’ पर एक लंबा बयान जारी किया। उन्होंने कहा:“यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने बिना किसी जांच के एक प्राकृतिक आपदा को राजनीतिक मुद्दा बना दिया। जब राज्य का प्रशासन और पुलिस राहत-बचाव कार्य में व्यस्त थे, तब भाजपा नेता भारी काफिले और केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ प्रभावित इलाकों में बिना किसी सूचना के पहुंच गए।”
उन्होंने सवाल उठाया कि जब पूरा राज्य प्रशासन राहत कार्य में जुटा था, तब भाजपा नेताओं की यह ‘राजनीतिक यात्रा’ क्यों की गई?
हमले के बाद शंकर घोष द्वारा साझा किए गए वीडियो में सांसद खगेन मुर्मू के चेहरे और नाक से खून बहता दिखाई दे रहा है। घोष का आरोप है कि हमलावर स्थानीय टीएमसी कार्यकर्ता थे, जिन्होंने पत्थर फेंके और मारपीट की।
केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा:“हमारे नेताओं पर ममता की पुलिस की मौजूदगी में क्रूरतापूर्वक हमला किया गया।”
बनर्जी ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा:“प्रधानमंत्री ने न तो कोई तथ्यात्मक रिपोर्ट देखी, न ही किसी जांच का इंतज़ार किया, और सीधे राज्य सरकार और टीएमसी को दोषी ठहराया। यह संविधानिक मूल्यों का अपमान है, जिन्हें निभाने की शपथ प्रधानमंत्री ने ली है। लोकतंत्र में दोष सिद्ध करने का काम न्याय प्रक्रिया का है, ट्वीट्स का नहीं।”
उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि उन्हें मणिपुर की जातीय हिंसा के दौरान वहां जाने में 964 दिन लग गए, लेकिन बंगाल पर राजनीतिक टिप्पणी तुरंत कर दी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर उत्तर बंगाल बनाम दक्षिण बंगाल का मुद्दा खड़ा करने का भी आरोप लगाया:“भाजपा चुनाव से पहले लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। मगर हम साफ कर देना चाहते हैं—बंगाल एक है, भावनात्मक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से।”
बनर्जी ने अंत में कहा:“प्रधानमंत्री से मेरा आग्रह है कि वे केवल अपनी पार्टी के नेताओं की नहीं, बल्कि राज्य सरकार की बात भी सुनें। आप पूरे भारत के प्रधानमंत्री हैं, सिर्फ भाजपा के नहीं। आपका कर्तव्य राष्ट्र निर्माण करना है, न कि राजनीतिक विमर्श बनाना।”