लंदन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के इस सप्ताह भारत दौरे से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य उभरती तकनीकों जैसे साझा क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। यह बात ब्रिटेन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑनलाइन सुरक्षा मंत्री कनिष्क नरायण ने मंगलवार को कही।
प्रधानमंत्री स्टारमर की 8-9 अक्टूबर को निर्धारित भारत यात्रा से पहले पीटीआई से बात करते हुए नरायण ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रौद्योगिकी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए "असाधारण आधार" पहले ही तैयार हो चुका है।
यह स्टारमर की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। इस दौरान दोनों नेता मुंबई में होने वाले छठे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में मुख्य भाषण देंगे और उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और इनोवेटर्स के साथ संवाद करेंगे।
नरायण ने कहा, “प्रधानमंत्री की भारत यात्रा हमारे साझा हितों जैसे कनेक्टिविटी, AI और नई तकनीकों के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति लाएगी। भारत और ब्रिटेन दोनों ही रिसर्च और लोकतांत्रिक तरीके से इन तकनीकों को अपनाने पर जोर देते हैं। यह दौरा उसी साझा दृष्टिकोण को व्यवहारिक सहयोग में बदलने का अवसर है।”
बिहार में जन्मे लेबर पार्टी के सांसद कनिष्क नरायण पिछले साल के आम चुनाव में वेल्स से संसद में चुने जाने वाले पहले भारतीय मूल के सांसद बने थे। उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन के बीच तकनीकी क्षेत्र में सहयोग एक प्रमुख प्राथमिकता है और इस साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं।
नरायण ने कहा, “हमारे दोनों देशों के पास सहयोग के लिए मजबूत आधार है—जैसे अनुसंधान साझेदारियां, गहरी ऐतिहासिक कड़ियाँ और भविष्य की दिशा में निरंतर प्रयास। हम इस आधार को AI और ऑनलाइन सुरक्षा अनुसंधान, AI उत्पादों को उद्योगों व सार्वजनिक सेवाओं में अपनाने और इन तकनीकों को लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार उपयोग करने के अवसरों में बदल सकते हैं।”
प्रधानमंत्री स्टारमर मंगलवार को भारत के लिए रवाना होंगे। उनके साथ 100 से अधिक सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल आएगा जिसमें CEO, विश्वविद्यालयों के कुलपति और सांस्कृतिक संस्थानों के प्रमुख शामिल होंगे। इसका उद्देश्य भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापार, तकनीक और निवेश संबंधों को मजबूत करना है।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और स्टारमर के बीच बातचीत में भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) और टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव (TSI) जैसे प्रमुख समझौतों से उत्पन्न अवसरों पर चर्चा होगी।
ब्रिटेन के व्यापार और उद्योग विभाग (DBT) द्वारा पिछले महीने जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक के चार तिमाहियों में भारत और ब्रिटेन के बीच कुल व्यापार £44.1 बिलियन (पाउंड) तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
CETA—जो एक प्रकार का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) है—के लागू होने के बाद इन आंकड़ों में बड़ी वृद्धि की संभावना है क्योंकि इससे 90% से अधिक ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ हट जाएंगे। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत-ब्रिटेन व्यापार को दोगुना करना है। यह समझौता अगले साल ब्रिटेन की संसद से पारित होने की उम्मीद है।