नई दिल्ली
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उन दावों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा था कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सरकारी आवास को सील कर दिया गया है और उन्हें तुरंत वहां से निकलने को कहा गया है।
PIB फैक्ट चेक ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा,
"सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति का सरकारी आवास सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति को तुरंत वहां से हटने को कहा गया है। ये दावे फर्जी हैं। कृपया इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें। किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले आधिकारिक स्रोतों से उसकी पुष्टि ज़रूर करें।"
PIB ने आम लोगों से अपील की कि वे "गलत सूचना का शिकार न बनें" और हमेशा खबरों की सत्यता आधिकारिक माध्यमों से जांचें।
इस बीच, भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तैयारियों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग (ECI) ने बताया कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे उच्च संवैधानिक पदों के चुनावों के लिए जो निर्वाचन मंडल होता है — जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं — उसकी तैयारी, रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति, और पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों की पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है।
हालांकि, जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, ने इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी का कहना है कि धनखड़ को मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा, और सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा,"सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। मुझे इसमें कुछ गड़बड़ लग रही है। उनकी तबीयत तो ठीक है। वो हमेशा आरएसएस और भाजपा का समर्थन करते थे। इस्तीफे के पीछे कौन है और क्या कारण है, यह देश को पता चलना चाहिए।"
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि धनखड़ का इस्तीफा एक राजनीतिक कदम था।
गोगोई ने 'X' पर लिखा,"एक संवैधानिक पद की गरिमा उसके कार्यकाल और इस्तीफे — दोनों में बनी रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट इस इस्तीफे के पीछे की राजनीति को उजागर करता है।"
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी बड़ा दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि"पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफे के लिए मजबूर किया। उन्हें महाभियोग की धमकी दी गई थी।"