नई दिल्ली
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच शुक्रवार को जम्मू, सांबा और पठानकोट सेक्टरों में पाकिस्तानी ड्रोन देखे जाने की पुष्टि हुई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इन ड्रोनों को भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने ब्लैकआउट के बीच सफलतापूर्वक रोका। इस दौरान सांबा सेक्टर में लाल रोशनी की धारियाँ और विस्फोटों की आवाज़ें भी सुनाई दीं।
बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत ने कई संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियातन पूर्ण ब्लैकआउट लागू कर दिया है। इनमें जम्मू-कश्मीर के अखनूर और उधमपुर, हरियाणा के अंबाला और पंचकुला, पंजाब का फिरोजपुर और राजस्थान का जैसलमेर शामिल हैं।
ड्रोन हमले और घुसपैठ का सिलसिला जारी
रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह घटना उस बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसके तहत 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का प्रयास किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान ने 36 से ज्यादा स्थानों पर 300 से 400 ड्रोन तैनात किए, जिनमें से कई को भारतीय बलों ने गतिज और गैर-गतिज हथियारों के जरिए मार गिराया।
"इन ड्रोन घुसपैठों का उद्देश्य भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली की क्षमताओं की जांच और खुफिया जानकारी एकत्र करना था। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित ‘असीसगार्ड सोंगर’ मॉडल हैं।"
कर्नल कुरैशी ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भी भारी कैलिबर हथियारों से फायरिंग की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की जवाबी साजिश?
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की यह कार्रवाई भारत द्वारा हाल ही में "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों के जवाब में हो सकती है।
भारत ने यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप किया था, जिसमें बुधवार को नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।