राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
पाकिस्तानी पंजाब के रहीम यार खान जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर भोंग कस्बे में कट्टरपंथियों ने श्री गणेश मंदिर में भारी तोड़फोड़ की थी. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में नाकाम रहने के आरोप से दहशत में आई इमरान सरकार ने मंदिर में मरम्मत का काम शुरू करवा दिया है. लेकिन ‘वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनोरिटी’ ने सवाल किया है कि सरकार मंदिर की मरम्मत तो करवा सकती है, लेकिन हिंदुओं के दिलों पर जो गहरा जख्म लगा, उसे कैसे भरेगी? मंदिर का अपमान और तोड़फोड़ करने वाले कब गिरफ्तार होंगे?
भोंग कस्बे में श्री गणेशी जी का प्राचीन मंदिर है. इसमें कई अन्य देवी-देवताओं के भी विग्रह स्थापित हैं.
पाकिस्तान की डीप स्टेट से खुराक पाकर निरंकुश हुए कट्टरपंथियों ने इस मंदिर पर भी हमला कर दिया.
पिछले डेढ़ साल में पाकिस्तान में सात मंदिरों को क्षति पहुंचाई गई है.
भारी भीड़ ने प्रतिमाओं को खंडित कर दिया और अन्य सुविधाओं को लाठी-डंडों से नष्ट कर दिया.
इतना ही नहीं, कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की लाइव स्ट्रीमिंग भी की.
कई हमलावरों के हाथों में कैमरे भी थे, जिससे इस बात का खुलासा होता है कि यह सब सोची समझी साजिश के तहत किया गया है.
मंदिर में भारी तोड़फोड़
कमरतोड़ महंगाई, फॉरेक्स रिजर्व की खस्ताहाली, अरब मुल्कों से मदद के बजाय मिल रही झिड़कियां, चीन की मदद के बदले अपने ही घर में मिल रही शर्मिंदगी, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बरकरारी आदि मुद्दों ने पाकिस्तानी पीएम को घुटनों पर ला दिया है.
भारत सरकार ने भी पाकिस्तानी दोयम राजदूत के समक्ष इस घटना को सख्त ढंग से उठाया.
इसके बाद, बाहरी और आंतरिक दबावों से जूझ रहे पीएम इमरान खान के आदेश पर मंदिर में मरम्मत का काम शुरू हो गया है.
वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनोरिटी मरम्मत के काम की फोटो ट्वीट की हैंः
साथ ही, वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनोरिटी (https://twitter.com/voice_minority) ने कई मौजूं और तीखे सवाल भी उठाए हैं.
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “गणेश मंदिर में जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. हालांकि, आप शारीरिक क्षति को बहाल कर सकते हैं, लेकिन आप पाकिस्तान में रहने वाले हजारों हिंदुओं के दिलों का इलाज कैसे लगा सकते हैं? क्या दोषियों को उनके अपराध के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? क्या उन पर ईश-निंदा का आरोप लगाया जाएगा?”
सूत्रों के अनुसार श्री गणेश मंदिर का जीर्णोद्धार तो पाकिस्तानी हिंदू समाज भी कर लेगा, लेकिन पाकिस्तानी हिंदू समाज को बेसब्री से इस बात का इंतजार रहेगा कि इमरान सरकार मंदिर का अपमान और तोड़फोड़ करने वालों पर ईश-निंदा के तहत मुकदमा दर्ज करे और आरोपियों को गिरफ्तार करे.
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के बारे में दैनिक हिंदुस्तान ने टाइम लाइन साझा की हैः
28 मार्च, 2021
पंजाब के रावलपिंडी शहर में होली के ठीक पहले यहां एक हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया गया था. दंगाइयों ने 74 साल से अधिक पुराने मंदिर को नुकसान पहुंचाया था.
30 दिसंबर, 2020
खैबर पख्तूनख्वा प्रदेश के करक जिले में हिंसक धार्मिक भीड़ ने हिंदू मंदिर में आग लगाई थी और मंदिर ढहाने की कोशिश की थी.
24 अक्टूबर, 2020
सिंध प्रदेश के नागर पारकर जिले के एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. नवरात्रि के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति को तोड़ दिया गया था.
10 अक्टूबर, 2020
सिंध प्रदेश के बादिन जिले के रामदेव हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. इस हमले के कुछ दिनों के बाद प्रशासन ने एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की थी, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था. बताया गया कि आरोपी मानसिक तौर पर अस्वस्थ है.
16 अगस्त, 2020
कराची शहर के हनुमान मंदिर को ढहा दिया गया था और मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया था. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना था.
4 जुलाई, 2020
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शहर का पहला मंदिर बनना शुरू हुआ. 2018में इस मंदिर के लिए सरकार ने जमीन दी थी. लेकिन 4 जुलाई, 2020 को मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने मंदिर के लिए जमीन देने के विरोध में आ गए थे. विरोध-प्रदर्शन के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई थी और मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
26 जनवरी, 2020
सिंध के थारपारकर के चाचरो में माता रानी भटियानी के मंदिर को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था. हिंसक भीड़ ने मूर्तियों को तोड़ा था और पवित्र ग्रंथों को फाड़ डाला था.
Restoration work going on at Ganesh Temple.
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) August 6, 2021
However, you can restore the physical damage, but how can you heal the hearts of thousands of #Hindus living in #Pakistan?
Will the culprits be held accountable for their crime? Will they be charged under #Blasphemy? pic.twitter.com/P55wo3UVuV