आवाज़ द वॉयस /नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के साथ आपातकालीन बैठक की. वहीं घाटी के आम नागरिकों ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाई.
The criminal act of killing of innocent tourists exposes the true face of terrorists & their sponsors across the border. The incident has shattered us. Terrorists & their supporters deserve a befitting & very strong reply.#PahalgamAttack #TerroristAttack @PMOIndia @AmitShah… pic.twitter.com/piudS4dm5j
— Dr Darakhshan Andrabi (@drdarakhshan) April 22, 2025
हमले के बाद घाटी में कई स्थानों पर लोग सड़कों पर उतर आए और निर्दोष पर्यटकों की हत्या के विरोध में आवाज़ बुलंद की. राजौरी जिले में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों के दरवाज़े पर्यटकों के लिए खोल दिए जो राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के चलते रास्ते में फंसे थे. यह एक बार फिर कश्मीरियत और इंसानियत की मिसाल बना.
नाम पूछा कर मुसलमानों पर हमला करना उनसे जबरदस्ती “जय श्री राम” बुलवाना, पिट पिट कर उनकी बेरहमी से हत्या करना और
— Md. Arman (@MdArmanINC) April 22, 2025
कश्मीर में नाम पूछकर लोगो पर गोली चलाना, दोनों में कोई अंतर नहीं हैं,
वो भी आतंवाद है और ये भी आतंवाद है, 😡#Kashmir #Pahalgam #TerroristAttack #PahalgamAttack pic.twitter.com/ySb7ScfeVo
इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे एक भीषण त्रासदी बताया और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की. पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने हमले को कश्मीर की संस्कृति और सभ्यता पर सीधा हमला करार दिया। उन्होंने कहा, “बैसरन जैसे संवेदनशील और सुरक्षाकर्मी तैनात इलाक़े में हमला होना बेहद चौंकाने वाला है.”
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में स्थानीय लोगों ने आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए निकाला कैंडल मार्च #TerroristAttack | #Pahalgam |#JammuKashmir | #IndianArmy pic.twitter.com/O5fN1y105n
— NDTV India (@ndtvindia) April 22, 2025
घायल पर्यटकों की मदद में मुस्लिम युवाओं की पहल
घटना के बाद कई स्थानीय मुस्लिम युवकों ने बिना किसी भेदभाव के घायलों की मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. एक ट्विटर पोस्ट में एक कश्मीरी मुस्लिम युवक का ज़िक्र किया गया, जिसने कहा—"मदद करते वक्त मैंने किसी से उसका नाम या मज़हब नहीं पूछा। यही असली कश्मीरियत और इस्लाम है."
#Watch: In a heartwarming move, #Muslim community of #Rajouri district in Jammu and Kashmir opened doors of mosques to accomodate the tourists from different parts stranded due to closure of Jammu-#Srinagar National Highway. pic.twitter.com/5DxoYgNvz4
— Greater Kashmir (@GreaterKashmir) April 22, 2025
धार्मिक और सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह इस्लाम की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ है. यह इंसानियत पर एक धब्बा है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार पुलवामा के बाद जैसी निर्णायक कार्रवाई करे और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंके.”
होटल उद्योग भी दुखी, पर्यटन पर असर की आशंका
🕯️ Locals in Pahalgam hold candle march for attack victims of terrorist attack in Jammu and Kashmir, demanding justice and peace. #Pahalgam #JusticeForVictims #PahalgamAttack #PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/E2zHKNsM2Q
— Kashmir Outlook (@kashmiroutlook1) April 22, 2025
गुलमर्ग होटलियर क्लब के अध्यक्ष आकिब छाया ने इस हमले को घाटी की शांति, पर्यटन और प्रगति पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा, “हमारे क्षेत्र की आत्मा को चोट पहुंची है। हम इस दुख की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़े हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं.”
अमेरिका ने भी जताई संवेदना
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई. उन्होंने लिखा, “उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं.”
पहलगाम का यह आतंकी हमला केवल सुरक्षा तंत्र की चुनौती ही नहीं, बल्कि घाटी की सामाजिक संरचना और शांति की भावना पर सीधा हमला है। मगर जिस तरह आम कश्मीरियों ने पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए, वह साबित करता है कि आतंक के खिलाफ इंसानियत की आवाज़ कहीं अधिक बुलंद है।