पहलगाम आतंकी हमला: सियासी और सामाजिक हलकों में उबाल, कश्मीरियत ने पेश की इंसानियत की मिसाल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
Pahalgam terror attack: Political and social circles in uproar, Kashmiriyat presented an example of humanity
Pahalgam terror attack: Political and social circles in uproar, Kashmiriyat presented an example of humanity

 

आवाज़ द वॉयस /नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के साथ आपातकालीन बैठक की. वहीं घाटी के आम नागरिकों ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाई.

हमले के बाद घाटी में कई स्थानों पर लोग सड़कों पर उतर आए और निर्दोष पर्यटकों की हत्या के विरोध में आवाज़ बुलंद की. राजौरी जिले में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों के दरवाज़े पर्यटकों के लिए खोल दिए जो राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के चलते रास्ते में फंसे थे. यह एक बार फिर कश्मीरियत और इंसानियत की मिसाल बना.

इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे एक भीषण त्रासदी बताया और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की. पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने हमले को कश्मीर की संस्कृति और सभ्यता पर सीधा हमला करार दिया। उन्होंने कहा, “बैसरन जैसे संवेदनशील और सुरक्षाकर्मी तैनात इलाक़े में हमला होना बेहद चौंकाने वाला है.”

घायल पर्यटकों की मदद में मुस्लिम युवाओं की पहल

घटना के बाद कई स्थानीय मुस्लिम युवकों ने बिना किसी भेदभाव के घायलों की मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. एक ट्विटर पोस्ट में एक कश्मीरी मुस्लिम युवक का ज़िक्र किया गया, जिसने कहा—"मदद करते वक्त मैंने किसी से उसका नाम या मज़हब नहीं पूछा। यही असली कश्मीरियत और इस्लाम है."

धार्मिक और सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया

अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह इस्लाम की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ है. यह इंसानियत पर एक धब्बा है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार पुलवामा के बाद जैसी निर्णायक कार्रवाई करे और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंके.”

होटल उद्योग भी दुखी, पर्यटन पर असर की आशंका

गुलमर्ग होटलियर क्लब के अध्यक्ष आकिब छाया ने इस हमले को घाटी की शांति, पर्यटन और प्रगति पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा, “हमारे क्षेत्र की आत्मा को चोट पहुंची है। हम इस दुख की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़े हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं.”

अमेरिका ने भी जताई संवेदना

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई. उन्होंने लिखा, “उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं.”

पहलगाम का यह आतंकी हमला केवल सुरक्षा तंत्र की चुनौती ही नहीं, बल्कि घाटी की सामाजिक संरचना और शांति की भावना पर सीधा हमला है। मगर जिस तरह आम कश्मीरियों ने पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए, वह साबित करता है कि आतंक के खिलाफ इंसानियत की आवाज़ कहीं अधिक बुलंद है।