वाराणसी (उप्र)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित काशी से विकसित भारत’ का मंत्र साकार करने के मकसद से सरकार द्वारा वाराणसी में मूलभूत ढांचे को मजबूत करने के लिये लगातार कार्य किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि बनारस में आना, रहना और यहां का आतिथ्य सबके लिये खास अनुभव बने।
अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर शनिवार को बनारस रेलवे स्टेशन पर चार वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में वाराणसी के विकास के लिये किये जा रहे विभिन्न कार्यों का विस्तार से जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘विकसित काशी से विकसित भारत का मंत्र साकार करने के लिए हम लगातार यहां भी बुनियादी ढांचा के कई काम कर रहे हैं। आज काशी में अच्छे अस्पताल, अच्छी सड़क, गैस पाइपलाइन से लेकर इंटरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्थाएं लगातार बढ़ायी जा रही हैं। विकास भी हो रहा है और गुणात्मक सुधार भी हो रहा है। रोपवे पर तेजी से काम हो रहा है गंजारी और सिगरा स्टेडियम जैसे खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी अब हमारे पास हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि बनारस आना, बनारस में रहना और बनारस का आतिथ्य सबके लिए खास अनुभव बने। हमारी सरकार का प्रयास काशी में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी 10 से 11 साल पहले स्थिति यह थी कि गंभीर बीमारी का इलाज कराना हो तो लोगों के पास सिर्फ बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) का विकल्प होता था और मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा होती थी कि पूरी पूरी रात खड़े रहने के बाद भी उन्हें इलाज नहीं मिल पाता था। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने पर इलाज के लिए लोग जमीन और खेत बेचकर मुंबई जाते थे। आज काशी के लोगों की इन सारी चिताओं को हमारी सरकार ने खत्म करने का काम किया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कैंसर के लिए महामना कैंसर अस्पताल, आंख के इलाज के लिए शंकर नेत्रालय, बीएचयू में बना अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर और शताब्दी चिकित्सालय, पांडेयपुर में बना मंडलीय अस्पताल... यह सारे अस्पताल आज काशी और पूर्वांचल समेत आसपास के राज्यों के लिए भी वरदान बने हैं। इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत और जन औषधि केंद्र की वजह से आज गरीबों को लाखों-करोड़ों रुपये की बचत हो रही है। एक तरफ लोगों की चिंता खत्म हुई है। दूसरी तरफ काशी इस पूरे क्षेत्र की ‘हेल्थ कैपिटल’ के रूप में जाना जाने लगा है।’’
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, ‘‘हमें काशी के विकास की यह गति और ऊर्जा बनाए रखनी है ताकि भव्य काशी तेजी से समृद्ध काशी भी बने और पूरी दुनिया से जो भी काशी आए उसे बाबा विश्वनाथ की इस नगरी में एक अलग ऊर्जा एक अलग उत्साह और एक अलग आनंद मिल सके।’’