वाराणसी
वाराणसी की एक अदालत ने रामचरितमानस और उसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह आदेश सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश नीरज कुमार ने अधिवक्ता अशोक कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत कैंट थाना पुलिस को उचित धाराओं में मामला दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, 22 जनवरी 2023 को एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था:"न तो मैं और न ही करोड़ों अन्य लोग रामचरितमानस पढ़ते हैं, यह सब बकवास है।"
इसके अलावा, उन्होंने कथित रूप से कहा कि "तुलसीदास ने यह ग्रंथ सिर्फ आत्मसंतोष के लिए लिखा था" और यह भी मांग की कि सरकार या तो रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंशों को हटाए या फिर इस पूरी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाए।
अधिवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने पहले अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सांसद-विधायक अदालत में पुनः याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।