महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं का चुनाव अधिकारियों से सवाल, राज्य में एसआईआर क्यों नहीं?

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 14-10-2025
Opposition leaders in Maharashtra question election officials, why is there no SIR in the state?
Opposition leaders in Maharashtra question election officials, why is there no SIR in the state?

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं के दो प्रतिनिधिमंडलों ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मंगलवार को यहां वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण ( एसआईआर)नहीं कराने पर सवाल उठाते हुए चुनावों के लिए वीवीपीएटी के इस्तेमाल संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चिंता जताई।
 
एक दुर्लभ एकजुटता के तहत, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित शीर्ष विपक्षी नेता महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस चोकालिंगम से मिले और मतदाता सूची सहित चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया।
 
ठाकरे बंधु एक साथ निर्वाचन अधिकारी से मिलने पहुंचे जिससे आगामी बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और अन्य नगर निकायों के चुनावों के लिए संभावित गठबंधन की चर्चा और तेज हो गई है।
 
सीईओ से मिलने से पहले ठाकरे बंधु और पवार ने नरीमन प्वाइंट क्षेत्र में शिवसेना (उबाठा) के कार्यालय ‘शिवालय’ में मुलाकात की।
 
राज ठाकरे की सक्रिय भागीदारी से इस बात पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस में चिंता के बीच मनसे विपक्षी गठबंधन में शामिल होगी।
 
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस. चोकलिंगम से मुलाकात की तथा स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने की मांग की। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, वामपंथी दल, शेतकरी कामगार पक्ष और समाजवादी पार्टी शामिल थे।
 
विपक्षी नेताओं ने यह भी जानना चाहा कि बिहार (जहां अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं)की तरह महाराष्ट्र में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) क्यों नहीं किया जा रहा है।
 
नेताओं द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘क्या चुनाव आयोग बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी एसआईआर जैसी प्रक्रिया अपनाएगा?’’
 
प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया कि महाराष्ट्र के बाहर से आए प्रवासी जो बड़ी संख्या में मुंबई, ठाणे, कल्याण, डोंबिवली, नासिक और पुणे में बस गए हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर और उनके गृह राज्यों में मतदाता के रूप में पंजीकृत किया गया है।
 
नेताओं ने दोहरे पंजीकरण से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा।
 
उन्होंने महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के उपयोग की भी मांग की।
 
ज्ञापन में मांग की गई कि यदि राज्य चुनाव आयोग वीवीपैट की अनुमति नहीं देता है तो बीएमसी चुनावों के लिए मतपत्रों पर मतदान कराया जाए।
 
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़, शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे और (लोकसभा सदस्य) अरविंद सावंत सहित एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे के साथ अपनी बैठक के दौरान इसी तरह की मांग उठाई।
 
विपक्षी नेताओं द्वारा दिये गए ज्ञापन में कहा गया है कि अक्टूबर 2024 और जुलाई 2025 के बीच मतदाता सूची में नए मतदाता जोड़े गए।