एक ही दिन दो मुखर आवाजें गौरव वल्लभ और संजय निरूपम कांग्रेस से गए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-04-2024
On the same day, two vocal voices Gaurav Vallabh and Sanjay Nirupam left Congress.
On the same day, two vocal voices Gaurav Vallabh and Sanjay Nirupam left Congress.

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया.गौरव वल्लभ ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में पार्टी को 'दिशाहीन' बताया और अपने बाहर निकलने के लिए जाति जनगणना जैसे कारणों का हवाला दिया.कहा कि वह 'सनातन विरोधी' नारे नहीं लगा सकते.'

 “गौरव वल्लभ ने एक्स पर लिखा,"आज कांग्रेस पार्टी जिस दिशाहीन तरीके से आगे बढ़ रही है, उससे मैं सहज महसूस नहीं करता.मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही देश के धन सृजनकर्ताओं को गाली दे सकता हूं.मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं."

गौरव वल्लभ, जिन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष अभियान को संभाला था, आर्थिक मुद्दों पर एक प्रभावी आवाज थे.उन्होंने 2023में उदयपुर निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा.हालांकि, भाजपा उम्मीदवार ने 32,000से अधिक मतों के अंतर से आरामदायक जीत हासिल की.

गौरव वल्लभ ने 2019 में झारखंड के जमशेदपुर पूर्व से चुनावी मैदान में पदार्पण किया, जहां उन्होंने 18,000 से अधिक वोट हासिल किए और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास और सरयू रॉय के बाद तीसरे स्थान पर रहे.

पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण संजय निरूपम को निष्कासित किया

कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संजय निरूपम को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.एआईसीसी का एक संक्षिप्त नोट महाराष्ट्र इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा संकेत दिए जाने के कुछ घंटों बाद आया कि पार्टी निरूपम के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

पत्रकार से नेता बने निरूपम मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट नहीं दिए जाने पर बागी हो गए.उन्होंने कहा था कि वह इस सप्ताह अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे.पिछले सप्ताह महा विकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने इस सीट के लिए अमोलजी कीर्तिकर की उम्मीदवारी की घोषणा की, जिसके बाद निरूपम ने सार्वजनिक रूप से अपना गुस्सा जाहिर किया था.उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच सीट-बंटवारे के लिए नियुक्‍त वार्ताकारों को कड़ी फटकार लगाई थी.

निरूपम ने कथित तौर पर शिवसेना (यूबीटी) के सामने घुटने टेकने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्य प्रमुख पटोले और मुंबई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ पर बिना नाम लिए एक घृणित कटाक्ष भी किया था.निरूपम (अविभाजित) शिवसेना से दो बार के पूर्व राज्यसभा सांसद और मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद हैं.

उनके बागी तेवर को भांपते हुए राज्य कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से उनका नाम भी हटा दिया.पटोले ने बुधवार को पहले कहा था, "एमपीसीसी ने निरूपम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए पार्टी आलाकमान को एक प्रस्ताव भेजा है.कोई कारण बताओ नोटिस नहीं दिया जाएगा, बलिक सीधी कार्रवाई होगी."

निरूपम ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को उन पर ज्यादा ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए.इसके बजाय बची हुई ऊर्जा और स्टेशनरी का उपयोग पार्टी को बचाने के लिए करना चाहिए.वैसे भी, पार्टी गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है.मैंने जो एक सप्ताह का समय दिया था, वह आज पूरी हो गई है.कल (4अप्रैल) मैं स्वयं निर्णय लूंगा."

इस बीच, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि निरूपम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना या भाजपा में शामिल हो सकते हैं.