सांबा/जम्मू
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने युद्धग्रस्त ईरान से भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि ईरान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के करीब 1,300 से 1,400 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि पूरे भारत से यह संख्या 6,000 से 8,000 तक है।
उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि ईरान में बंदरगाहों और हवाई अड्डों के बंद होने की स्थिति में सरकार ने विशेष 'ऑपरेशन' के ज़रिए भारतीयों को सुरक्षित निकालने की पहल की है, जो सराहनीय है।
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने भी इस मानवीय संकट में केंद्र सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे वहां सिर्फ पढ़ाई करने गए थे, लेकिन हालात बिगड़ने के कारण उनके माता-पिता बेहद चिंतित थे। अगर मैं उनकी जगह होता, तो मेरी भी यही हालत होती। छात्रों की भी यही इच्छा थी कि वे सुरक्षित लौटें और सरकार ने वह संभव किया। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।"