भुवनेश्वर।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम – CAA के तहत नबरंगपुर जिले के 35 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान किए। यह विशेष कार्यक्रम ओडिशा जनगणना निदेशालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के माध्यम से भारत की मानवीय परंपराएँ और शरण देने की संस्कृति फिर से जीवित हुई हैं।
उन्होंने कहा,“यह पवित्र कानून वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों के लिए आशा की किरण बना है।”
CAA के तहत पात्रता
सरकार द्वारा 11 मार्च 2024 को अधिसूचित नियमों के अनुसार,
बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से
31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य
भारतीय नागरिकता के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ये 35 लोग आधिकारिक रूप से भारत के नागरिक हैं। उन्होंने कहा—
“आप अब हमारे भविष्य का हिस्सा हैं। आपकी सुरक्षा, सम्मान और प्रगति सुनिश्चित करना अब हमारी जिम्मेदारी है। मैं आपको भारतीय नागरिक के रूप में स्वागत करता हूँ।”
हिंदू शरणार्थियों पर टिप्पणी
सीएम माझी ने कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो किसी भी धर्म के उत्पीड़ित व्यक्ति को शरण दे सकते हैं,“लेकिन यदि किसी हिंदू को किसी दूसरे देश में उत्पीड़न सहना पड़े, तो उसके लिए भारत के अलावा कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। यदि भारत में ऐसा कानून न हो, तो वे कहाँ जाएंगे?”
ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि पड़ोसी देशों में रहने वाले कई उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के पूर्वज भारत से जुड़े हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए CAA संशोधन कानून बनाया है।नए नागरिकों को सभी सरकारी लाभ, भूमि-विहीनों के लिए ज़मीन और आवश्यकता पर जाति प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा।