NSA डोभाल और थाई विदेश मंत्री के बीच समुद्री सुरक्षा और साइबर धोखाधड़ी पर बनी सहमति

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-12-2025
NSA Doval and Thai Foreign Minister reach consensus on maritime security and cyber fraud
NSA Doval and Thai Foreign Minister reach consensus on maritime security and cyber fraud

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकेओव ने सोमवार को नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की।

थाई विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बैठक में मुख्य रूप से समुद्री सुरक्षा और ऑनलाइन धोखाधड़ी (साइबर स्कैम) के खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। थाई पक्ष ने भारत को 17-18 दिसंबर 2025 को बैंकॉक में आयोजित होने वाले “इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ग्लोबल पार्टनरशिप्स टू कॉम्बैट ऑनलाइन स्कैम्स” में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

बैठक में दोनों देशों ने क्षेत्रीय रणनीतिक मुद्दों पर भी विचार साझा किए। इसमें म्यांमार में शांति स्थापना, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान और कंबोडिया को सीमा पर माइन डिमाइनिंग में सहयोग देने के लिए प्रेरित करना शामिल था।

मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने थाईलैंड के समकक्ष सिहासक फुआंगकेटकेओव के साथ द्विपक्षीय बैठक की। जयशंकर ने भारत और थाईलैंड के लंबे समय से चले आ रहे मित्रवत संबंधों पर जोर देते हुए थाईलैंड को “भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी” बताया।

थाई विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने राजनीतिक सहयोग, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार व निवेश, कनेक्टिविटी, स्टार्टअप, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति का स्वागत किया। इसके अलावा थाई विदेश मंत्री ने भारत से ब्रिक्स में थाईलैंड की सदस्यता के लिए समर्थन की भी मांग की, खासकर भारत की 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान।

बैठक में वर्तमान भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच विदेश नीति पर भी विचार साझा किए गए। थाईलैंड ने विभिन्न बहुपक्षीय ढांचों में भारत के साथ सहयोग के लिए अपनी तत्परता जताई, जिससे क्षेत्रीय एकता और समेकन को मजबूती मिले। जयशंकर ने नियमित आधार पर दबाव वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता पर जोर दिया और म्यांमार की स्थिति पर भी चर्चा की।

थाई विदेश मंत्री ने भारत के साथ साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क पर सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि थाईलैंड और म्यांमार- कंबोडिया की सीमाओं पर साइबर स्कैम तेजी से फैल रहे हैं और यह समस्या गंभीर होती जा रही है। हाल ही में स्कैम गिरोहों पर कार्रवाई के दौरान 1,000 से अधिक भारतीय नागरिक थाईलैंड भाग गए, जिन्हें थाई अधिकारियों ने तत्काल सहायता प्रदान की। इसके अलावा, कई और लोग अपराधी नेटवर्क द्वारा संचालित स्कैम हब में फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा, “साइबर स्कैम एक साझा खतरा है और थाईलैंड तथा भारत को इसके खिलाफ मिलकर काम करना होगा। इसके लिए व्यापक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है।”

बैठक में दोनों देशों ने उभरते खतरों, ऑनलाइन स्कैम और प्रभावित भारतीयों को सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने में सहयोग बढ़ाना भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस द्विपक्षीय वार्ता से भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री सुरक्षा, साइबर अपराध रोकथाम और क्षेत्रीय शांति के क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा मिली है। दोनों पक्ष यह भी चाहते हैं कि तकनीकी और सुरक्षा सहयोग के जरिए दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो।