नीतीश बिहार को ‘अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता’ का कॉकटेल परोस रहे हैं : दीपांकर भट्टाचार्य

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 17-10-2025
Nitish is serving Bihar a cocktail of 'crime, corruption and communalism': Dipankar Bhattacharya
Nitish is serving Bihar a cocktail of 'crime, corruption and communalism': Dipankar Bhattacharya

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य की जनता को “तीन सी”—अपराध (क्राइम), भ्रष्टाचार (करप्शन) और सांप्रदायिकता (कम्युनलिज्म) का “कॉकटेल” परोस रहे हैं, जिन पर समझौता न करने का वादा उन्होंने स्वयं किया था।
 
भट्टाचार्य ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से विशेष बातचीत में कहा, “राज्य की स्थिति भयावह है। नीतीश कुमार, जो स्वयं को ‘जंगलराज’ खत्म करने वाला बताते हैं, अब उसी बिहार पर शासन कर रहे हैं जहां अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता का गठजोड़ सरकार चला रहा है।”
 
उन्होंने कहा, “नीतीश जी कहा करते थे कि वे तीन ‘सी’—अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता पर कभी समझौता नहीं करेंगे, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने के बाद। लेकिन अब उनके शासन में केवल समझौता नहीं, बल्कि इन तीनों का घातक कॉकटेल तैयार हो गया है।”
 
भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि राज्य में “अपराधियों, नेताओं और पुलिस अधिकारियों का एक गठजोड़ सरकार चला रहा है। यही गठबंधन असली सत्ता है, न कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)।”
 
उन्होंने हाल में पटना के एक निजी अस्पताल में हुई हत्या की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, “राज्य में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्म की घटनाएं हकीकत बन चुकी हैं। राजधानी पटना के पॉश इलाके स्थित पारस अस्पताल में दिनदहाड़े चंदन मिश्रा की हत्या कर दी गई, और अपराधियों के चेहरे साफ तौर पर सीसीटीवी में कैद हो गए।”
 
भाकपा (माले) नेता ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासनकाल के दौरान कानून-व्यवस्था के रिकॉर्ड को लेकर उठाए जा रहे सवालों का अब जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
 
उन्होंने कहा, “राजद अब वह पार्टी नहीं रही जो दो दशक पहले थी। हमने भी उससे अपने पुराने मतभेद पीछे छोड़ दिए हैं।”
 
भट्टाचार्य ने यह भी उल्लेख किया कि “पिछले विधानसभा चुनाव में हम सरकार बनाने के बेहद करीब पहुंच गए थे, परंतु बहुमत से कुछ सीटें कम रह गई थीं।”