नई दिल्ली
उपभोक्ता शिकायत निवारण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) और देश के 10 राज्यों ने जुलाई 2025 में 100 प्रतिशत से अधिक निपटान दर हासिल की। इसका मतलब है कि इस अवधि में जितने मामले दर्ज हुए, उससे अधिक मामलों का समाधान किया गया।
1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक के आँकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल उपभोक्ता मामलों का निपटारा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में काफी अधिक रहा। यह उपभोक्ता विवादों के समयबद्ध और प्रभावी समाधान की दिशा में लगातार हो रहे प्रयासों को दर्शाता है।
इसके अलावा, 6 अगस्त 2025 तक दो लाख से अधिक उपयोगकर्ता, जिनमें प्रवासी भारतीय (NRI) भी शामिल हैं, ई-जागृति (e-Jagriti) प्लेटफ़ॉर्म पर रजिस्टर हो चुके हैं। इसी साल इसके ज़रिए 85,531 मामले दर्ज किए गए।
ई-जागृति को 1 जनवरी 2025 को उपभोक्ता मामले विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देशभर में उपभोक्ता शिकायत निवारण को डिजिटल और आधुनिक बनाना है।
यह प्लेटफ़ॉर्म पुरानी व्यवस्थाओं जैसे OCMS, e-Daakhil, NCDRC CMS और CONFONET पोर्टल को एकीकृत कर एक ही जगह सेवाएँ प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग सिस्टम का उपयोग नहीं करना पड़ता।
OTP आधारित लॉगिन से उपभोक्ता और वकील आसानी से कहीं से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
फीस का भुगतान ऑनलाइन/ऑफ़लाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
रियल-टाइम में केस की प्रगति ट्रैक की जा सकती है।
वर्चुअल सुनवाई, एसएमएस/ईमेल अलर्ट, बहुभाषी सपोर्ट, चैटबॉट और वॉइस-टू-टेक्स्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिहीन उपयोगकर्ताओं के लिए भी विशेष मदद।
वकीलों को बार काउंसिल इंटीग्रेशन के जरिए केस ट्रैक करने और दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा।
जजों को स्मार्ट कोर्ट कैलेंडर, एनालिटिक्स डैशबोर्ड और वर्चुअल कोर्टरूम की सुविधा।
यह प्लेटफ़ॉर्म Bharat Kosh और PayGov पेमेंट गेटवे से जुड़ा है और पूरी तरह सुरक्षित है। इससे न केवल उपभोक्ता आयोगों की कार्यकुशलता बढ़ी है, बल्कि कागज़ और यात्रा पर निर्भरता घटाकर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है।
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करने और पारदर्शी न्याय पाने के लिए ई-जागृति का अधिक से अधिक उपयोग करें।