हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर: भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 4,000 करोड़ का नुकसान, 366 मौतें

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 07-09-2025
Nature's fury in Himachal Pradesh: Heavy rains, floods and landslides cause losses worth Rs 4,000 crore, 366 deaths
Nature's fury in Himachal Pradesh: Heavy rains, floods and landslides cause losses worth Rs 4,000 crore, 366 deaths

 

शिमला

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। 20 जून से 7 सितंबर तक हुई मूसलाधार बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से राज्य को लगभग 4,079 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। अधिकारियों द्वारा रविवार को जारी किए गए आँकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, मानसून से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक कुल 366 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 203 मौतें सीधे तौर पर बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई हैं, जिसमें भूस्खलन से 42, बादल फटने से 17 और अचानक आई बाढ़ से 9 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, 41 लोग अभी भी लापता हैं और 163 मौतें अन्य दुर्घटनाओं में हुईं।

राज्य में भूस्खलन की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। मानसून की शुरुआत से अब तक, राज्य के विभिन्न हिस्सों में 135 बड़े भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है।

बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुँचा है। कुल 6,025 घर और 455 दुकानें/कारखाने पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-3, NH-5 और NH-305) सहित कुल 869 सड़कें अभी भी बंद हैं। इसके साथ ही, 1,572 बिजली ट्रांसफार्मर और 389 जलापूर्ति परियोजनाएँ भी बाधित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित कुल्लू और मंडी क्षेत्र रहे हैं, जहाँ क्रमशः 227 और 191 सड़कें बंद हैं।

स्थानीय मौसम केंद्र ने रविवार और सोमवार के लिए भी राज्य के कुछ हिस्सों में आंधी-बारिश की आशंका को देखते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया है। 1 जून से 6 सितंबर तक हिमाचल में सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक बारिश (943.2 मिमी) दर्ज की गई है, जो इस विनाश का मुख्य कारण है। इस त्रासदी ने राज्य की अर्थव्यवस्था और जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, और नुकसान की भरपाई में लंबा समय लगने की संभावना है।