नई दिल्ली
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सक्रिय पहल की सराहना की, तथा अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए वन अधिकार अधिनियम को लागू करने और निगरानी करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार, वे बुधवार को यहां राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के 22वें स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.
जुएल ओराम ने आश्वासन दिया कि जनजातीय मंत्रालय, आयोग के साथ मिलकर अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए बेहतर और सम्मानजनक जीवन, सामाजिक न्याय और समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखेगा.
अनुसूचित जनजातियों के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, प्री- और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख किया.
इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक विशेष विकास योजना के तहत देश भर में 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की पहचान पर चर्चा की. स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने आयोग की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद से वर्तमान आयोग लगातार देश भर में अनुसूचित जनजाति समुदायों का दौरा कर रहा है. आयोग ने विभिन्न राज्यों, जिलों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रगति की समीक्षा के लिए 100-दिवसीय कार्य योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है.
उन्होंने आयोग के कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि यह अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास को सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों में दृढ़ है, जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने कहा। कार्यक्रम में निरुपम चकमा, आशा लाकड़ा और जतोथु हुसैन सहित आयोग के सदस्यों ने भी भाषण दिए, जिन्होंने अपने अनुभव और विचार साझा किए.
कार्यक्रम में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य वडेपल्ली रामचंदर के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य और सचिव, अनुसूचित जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि और विश्वविद्यालय के छात्र जैसे अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे.
उद्घाटन सत्र के दौरान आयोग के सचिव पुनीत कुमार गोयल ने अतिथियों का स्वागत किया और आयोग की प्रमुख गतिविधियों, सफल मामलों और इसके कार्यों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया.
उद्घाटन सत्र के बाद आदिवासी समुदाय की प्रगति, विकास, कौशल संवर्धन और उद्यमिता पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए. इन सत्रों के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के विशेषज्ञों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम का समापन आयोग के संयुक्त सचिव अमित निर्मल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.