आवाज़ द वॉइस | नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए नाथू ला (सिक्किम) और लिपुलेख ला (उत्तराखंड) को अस्थायी रूप से अधिकृत आव्रजन चौकी घोषित किया है। यह निर्णय तीर्थयात्रियों के भारत में प्रवेश और निकास को सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, पूर्वी सिक्किम में स्थित नाथू ला चेक-पोस्ट को वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ भारत आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी आव्रजन चौकी के रूप में अधिकृत किया गया है। इसी तरह, एक अन्य अधिसूचना में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख ला चेक-पोस्ट को भी इसी उद्देश्य से नामित किया गया है।
गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा हर वर्ष जून से सितंबर के बीच विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाती है। हालांकि, यह यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी और फिर भारत-चीन सीमा तनाव के कारण स्थगित रही थी। अब इसे पुनः शुरू किया जा रहा है।
कैलाश मानसरोवर हिंदू धर्म में भगवान शिव का पवित्र निवास स्थल माना जाता है, जबकि यह स्थान जैन और बौद्ध समुदायों के लिए भी विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह यात्रा केवल उन्हीं भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जिनके पास वैध भारतीय पासपोर्ट है और जो धार्मिक उद्देश्य से यात्रा करना चाहते हैं।