धोनी समेत सात क्रिकेटर शामिल हुए ICC हॉल ऑफ फेम में, जानिए इस सम्मान का महत्व

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-06-2025
Seven cricketers including Dhoni inducted into ICC Hall of Fame, know the importance of this honour
Seven cricketers including Dhoni inducted into ICC Hall of Fame, know the importance of this honour

 

मलिक असगर हाशमी नई दिल्ली / लंदन

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के हॉल ऑफ फेम 2025 में शामिल किया गया है. उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज मैथ्यू हेडन और दक्षिण अफ्रीका के रन मशीन हाशिम अमला भी इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हुए हैं. इस वर्ष कुल सात क्रिकेटरों (पांच पुरुष और दो महिला खिलाड़ी) को यह सम्मान प्रदान किया गया.

 

 

 

 

 

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हॉल ऑफ फेम में धोनी का नाम क्यों शामिल हुआ?

ICC ने कहा,"दबाव में शांत रहने की काबिलियत, बेजोड़ रणनीति और सीमित ओवरों के क्रिकेट में 'फिनिशर' की भूमिका में धोनी ने जो मिसाल कायम की है, वह उन्हें इतिहास के सबसे महान कप्तानों और विकेटकीपरों में शुमार करती है."

dhoniधोनी के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,266 रन, 829 शिकार और 538 मैच हैं—जो उनकी स्थिरता, फिटनेस और दीर्घकालिक सफलता को दर्शाते हैं.धोनी ने भारत को 2007 में T20 वर्ल्ड कप, 2011 में ODI वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में नेतृत्व किया था.

ICC हॉल ऑफ फेम का महत्व क्या है?

ICC हॉल ऑफ फेम क्रिकेट की दुनिया में सर्वोच्च व्यक्तिगत सम्मान में से एक है. इसमें शामिल होना दर्शाता है कि खिलाड़ी ने न केवल अपने देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर गहरा प्रभाव छोड़ा है.

यह सम्मान केवल असाधारण प्रदर्शन करने वालों को ही नहीं, बल्कि क्रिकेट को नई दिशा देने वाले महानायकों को दिया जाता है.

धोनी ने क्या कहा?

धोनी ने भावुक प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है. यह सम्मान क्रिकेट के इतिहास में मेरे योगदान को स्वीकार करता है. ऐसे महान खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम देखना, एक ऐसा पल है जिसे मैं जीवनभर संजो कर रखूंगा."

धोनी का ICC हॉल ऑफ फेम में नाम आना न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक भी है. यह दिखाता है कि दृढ़ संकल्प, धैर्य और लीडरशिप से कोई भी खिलाड़ी क्रिकेट इतिहास में अमर हो सकता है.

महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कुछ बातें

कैप्टन कूल का उदय

जब धोनी ने 2004 में भारत के लिए डेब्यू किया, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह खिलाड़ी एक दिन क्रिकेट के सबसे महान फिनिशर और कप्तानों में शुमार होगा. उनका पहला वनडे मैच शून्य पर रन आउट होकर समाप्त हुआ था, लेकिन 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया.

 विकेटकीपिंग की परिभाषा बदलने वाला खिलाड़ी

धोनी की विकेटकीपिंग परंपरागत तरीकों से अलग थी. उनके बिजली जैसी स्टंपिंग, डिफ्लेक्शन से रन आउट, और नज़रों को धोखा देती कैचिंग स्टाइल ने उन्हें विकेट के पीछे भी असाधारण बना दिया.

dhoniधोनी का क्रिकेटिंग दृष्टिकोण एक क्रांति था

जहां भारतीय विकेटकीपर पारंपरिक रूप से निचले क्रम में टिककर खेलने के लिए जाने जाते थे, वहीं धोनी ने इस भूमिका में आक्रामकता और ताकत का समावेश किया. छक्कों से मैच खत्म करना, स्ट्राइक रोटेट करना, और दबाव में भी धैर्य बनाए रखना—ये सभी उनके खेलने की पहचान बन गए.

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विरासत जो आंकड़ों से कहीं आगे है

धोनी ने भारत के लिए कुल 538 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने 17,266 रन बनाए और 829 विकेटकीपिंग डिसमिसल किए. लेकिन उनका प्रभाव सिर्फ आंकड़ों में नहीं है—उनकी शांत नेतृत्व शैली, अचूक रणनीतिक सोच, और नर्व्स ऑफ स्टील आज भी क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरित करती हैं.