भारत में मुसलमानों को समान अधिकार प्राप्त हैंः आगा सैयद अब्बास

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 13-01-2022
भारत में मुसलमानों को समान अधिकार प्राप्त हैंः आगा सैयद अब्बास
भारत में मुसलमानों को समान अधिकार प्राप्त हैंः आगा सैयद अब्बास

 

पुंछ (कश्मीर). प्रसिद्ध कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ता आगा सैयद अब्बास रिजवी ने गुरुवार को कहा कि भारत में मुसलमान स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं और अपने धार्मिक अनुष्ठानों को स्वतंत्र रूप से करते हैं, लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.

जम्मू कश्मीर पीपुल्स जस्टिस फ्रंट (जेकेपीजेएफ) के अध्यक्ष आगा सैयद अब्बास रिजवी पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील में ‘मुसलमानों को अपने धार्मिक समारोहों और रीति-रिवाजों को निभाने की आजादी’ विषय पर एक सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और अल्पसंख्यकों को बहुमत के समान अवसर की गारंटी देता है.’

आगा सैयद ने जोर देकर कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों को उसी स्वतंत्रता का आनंद मिलता ळे, जो बहुसंख्यक अपने धार्मिक अनुष्ठानों, समारोहों और रीति-रिवाजों को निभाने में प्राप्त कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘कश्मीर धार्मिक सहिष्णुता का तब तक सबसे अच्छा उदाहरण रहा है, जिसे महात्मा गांधी ने भी स्वीकार किया था, जब तक कि हमारे पड़ोसी ने यहां की शांति में हस्तक्षेप और खलल डालना शुरू नहीं किया.’

उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद से आत्मघाती विस्फोट की एक भी घटना नहीं हुई है.

आगा ने कहा, ‘आजादी के बाद से आत्मघाती विस्फोट की एक भी घटना नहीं हुई ळे, हमारे पड़ोसी इस्लामी देश में दैनिक आधार पर होने के विपरीत.’

इस मुद्दे पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में विशेष रूप से अल्पसंख्यकों, शिया संप्रदाय और अहमदियों के अलावा हजारा समुदाय के लोगों को मौत के दस्तों द्वारा नियमित रूप से निशाना बनाया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘एक सुनियोजित जनसंहार कार्यक्रम के तहत लोगों की हत्या की जाती है और लगातार लक्षित हत्याएं और आत्मघाती विस्फोट होते रहते हैं.’

आगा सैयद ने यह भी आग्रह किया कि इंडोनेशिया के बाद अधिकांश मुसलमानों का घर होने के कारण, भारत को मुस्लिम देशों के ओआईसी समूह में जगह दी जानी चाहिए और उक्त संगठन में एक स्थायी सीट दी जानी चाहिए, क्योंकि भारत में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी आत्म-सम्मान के साथ रहती है.

संगोष्ठी में मौलाना मुख्तार हुसैन जाफरी, मौलाना जहीर हुसैन जाफरी, आगा सैयद मुबशीर, शब्बीर हुसैन (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य), नजमुल हसन, अजीज जाफरी, डॉ आलमदार हुसैन और अन्य जैसे विभिन्न धार्मिक और सामाजिक विद्वानों ने भी भाग लिया.

कार्यक्रम में एक घोषणा में यह कहा गया, ‘भारत में, मुसलमान अपने धार्मिक अनुष्ठानों और कर्तव्यों को निभाने के लिए स्वतंत्र हैं. भारत के संविधान ने उन्हें इसकी गारंटी दी है. सहिष्णु भारतीय समाज मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को उनके धार्मिक समारोहों और कार्यों को करने का विशेषाधिकार देता है. बिना किसी बाधा के. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और अन्य के ईद, मुहर्रम और उर्स जैसे त्योहार शांति, एकता और भाईचारे के साथ मनाए जाते हैं.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘पाकिस्तान में शियाओं और अहमदियों जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है और मार दिया जाता है, लेकिन भारत में, यहां तक कि सबसे छोटे अल्पसंख्यकों को भी बहुसंख्यकों द्वारा संरक्षित किया जाता है.’