‘अन्याय’ के कारण मुस्लिम विक्रेताओं पर लगा प्रतिबंधः विश्वप्रसन्ना तीर्थ, पेजावर मठ संत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
‘अन्याय’ के कारण मुस्लिम विक्रेताओं पर लगा प्रतिबंधः विश्वप्रसन्ना तीर्थ, पेजावर मठ संत
‘अन्याय’ के कारण मुस्लिम विक्रेताओं पर लगा प्रतिबंधः विश्वप्रसन्ना तीर्थ, पेजावर मठ संत

 

बेंगलुरु. कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हिंदू धार्मिक त्योहारों और मेलों के दौरान मुस्लिम विक्रेताओं को मंदिर परिसर में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस पर प्रसिद्ध पेजावर मठ के विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामीजी ने बुधवार को कहा कि हिंदुओं के साथ अन्याय की कुछ घटनाओं ने इस ‘विस्फोटक स्थिति’ को जन्म दिया है.

उन्होंने यह भी कहा कि समाधान समाज के भीतर से निकलना चाहिए और इस कदम के विरोध में आवाज उठाने वाले धार्मिक नेताओं से मामलों में मदद की संभावना नहीं है.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 13वीं शताब्दी ईस्वी में माधवाचार्य द्वारा स्थापित संप्रदाय से संबंधित पेजावर मठ के द्रष्टा ने तटीय कर्नाटक के मंदिर शहर उडुपी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिंदू समाज ने अतीत में बहुत कुछ झेला है. कुछ अप्रिय घटनाओं से लोग बेहद आहत हैं. अगर कुछ धर्मगुरु इसके खिलाफ बोलेंगे, तो समस्या का समाधान नहीं होगा. यह समाज के भीतर से आना चाहिए.’’

उडुपी ने हाल ही में सरकारी गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के कुछ मुस्लिम छात्रों के साथ हिजाब पंक्ति को देखा, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें हेडस्कार्फ के साथ कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था.

मुस्लिम छात्रों ने बाद में कक्षाओं के अंदर इस्लामिक हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्हें स्कूल यूनिफॉर्म के नियम का पालन करना होगा.

पेजावर संत ने कहा, ‘‘अन्याय से क्रोध आता है और अगर यह चरम स्तर पर चला जाता है, तो यह फट जाता है. आज हम अपने समाज में यही देख रहे हैं.’’

यह कहते हुए कि दर्द एक चरम बिंदु पर पहुंच गया है और इसमें विस्फोट हो गया है, स्वामी ने कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि हिंदुओं ने कितना कष्ट सहा है. पहले उस दर्द को दूर करना होगा.

संत ने कहा कि अगर लोग कहते हैं कि समाज में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी, तो किसी हस्तक्षेप या दबाव की जरूरत नहीं है. समाज में शांति अपने आप बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि लोगों को एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और इस पर विचार करना चाहिए.

संत ने पत्रकारों से बात की, जब कुछ मुस्लिम नेताओं ने उनसे मुलाकात की और उनसे त्योहार के दौरान मंदिर परिसर के अंदर मुस्लिम विक्रेताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की अपील की.

उन्हें उन छोटे व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया, जो वार्षिक मेलों के दौरान मंदिरों के आसपास स्थापित दुकानों से प्राप्त आय पर निर्भर हैं.

अबुबक्कर अतराडी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने स्वामी को बहिष्कार के कारण मुस्लिम और ईसाई समुदायों के व्यापारियों के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं पर एक ज्ञापन भी सौंपा.

उन्होंने कहा कि हिजाब मुद्दे के कारण मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार भी हो सकता है, उन्होंने कहा कि समस्या के मूल कारण का समाधान किया जाना चाहिए.

उडुपी मदर ऑफ सॉरोज चर्च के पुजारी फादर चार्ल्स, उडुपी के पुजारी इनामुल्ला खान और विभिन्न व्यापारिक संगठन के नेता प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.

कर्नाटक में कई मंदिरों ने, विशेष रूप से तटीय क्षेत्र में, मुसलमानों को मंदिर की संपत्ति पर व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया. उनका निर्णय दक्षिणपंथी संगठनों की एक याचिका पर आधारित था, जिन्होंने दावा किया था कि राज्य में गोहत्या बेरोकटोक चल रही है.

संगठनों ने कहा कि जिले के गंगोली में जब हिंदुओं ने मार्च निकाला, तो मुसलमानों ने हिंदू मछुआरों से मछली खरीदना बंद कर दिया था.

 

पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की. कुमारस्वामी ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा कि आप (हिंदू संत) हिंदू धर्म के संदेशों का प्रचार करने का काम करते हैं, जो ‘सर्वे भवंतु सुखिना’ पर जोर देता है.

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक नस्लीय शांति का बगीचा है, जिसे कोई खराब नहीं करेगा.’’ उन्होंने बताया कि कोलार जिले के मलूर तालुक के शिवरापटना में 15 मुस्लिम परिवार पिछले 30 से 40 वर्षों से हिंदू मूर्तियों को तराश रहे हैं.

इस बीच, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने हिंदू नव वर्ष उगादी के बाद होसा तड़ाकू के दौरान हलाल मांस के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है.

संगठनों के कार्यकर्ता पर्चे बांट रहे हैं, जिसमें हिंदुओं को शपथ लेने के लिए कहा गया है कि वे हलाल मांस का उपयोग नहीं करेंगे.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंगलवार को हलाल की तुलना ‘आर्थिक जिहाद’ से की है.