मुंबई हाईकोर्ट ने मस्जिद के लाउडस्पीकर उपयोग की मांग वाली याचिका खारिज की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-12-2025
Mumbai High Court dismisses plea seeking use of loudspeakers by mosques
Mumbai High Court dismisses plea seeking use of loudspeakers by mosques

 

मुंबई

मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गोंदिया जिले स्थित मस्जिद गौसिया की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें नमाज के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति मांगी गई थी। अदालत ने साफ कहा कि लाउडस्पीकर का उपयोग किसी भी धर्म में धार्मिक अनिवार्यता के रूप में सिद्ध नहीं किया जा सकता। इसलिए इसे मौलिक अधिकार बताकर अनुमति की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती।

न्यायमूर्ति अनिल पंसारे और न्यायमूर्ति राज वाकोड़े की खंडपीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा बार-बार उठ रहा है और इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। अदालत ने इस संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को प्रभावी और स्थायी समाधान तैयार करने का निर्देश भी दिया।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित करने के लिए कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया कि लाउडस्पीकर नमाज या किसी भी धार्मिक क्रिया का अनिवार्य हिस्सा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग अधिकार के रूप में दावा किया जाए।

अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता धार्मिक कार्यों को अधिकार का मामला बताकर लाउडस्पीकर के उपयोग का हक नहीं मांग सकता। अतः याचिका खारिज की जाती है।”

अदालत के इस फैसले के बाद राज्य सरकार पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह ध्वनि प्रदूषण से संबंधित मामलों पर तेजी से कार्रवाई करे और सभी समुदायों के लिए व्यवहारिक एवं संतुलित दिशा-निर्देश तैयार करे।