संसद का मानसून सत्र आज अंतिम दिन; अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विशेष चर्चा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 21-08-2025
Monsoon session of Parliament today is the last day; Special discussion on space program,
Monsoon session of Parliament today is the last day; Special discussion on space program,

 

नई दिल्ली

संसद का मानसून सत्र गुरुवार सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा। यह सत्र का अंतिम दिन होगा, जो अब तक कई विवादों और विपक्ष के भारी हंगामे से घिरा रहा है।

यह सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था और इसमें “मतदाता सूची में धांधली,” बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR), ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले जैसे मुद्दों पर गरमागरम बहस और विपक्ष का विरोध देखने को मिला।

आज का कार्यक्रम

कार्यसूची के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, नित्यानंद राय, किर्ति वर्धन सिंह, शंतनु ठाकुर, अजय टम्टा, सुकांत मजूमदार और मुरलीधर मोहोल अपने-अपने मंत्रालयों से संबंधित कागज़ात सदन की मेज़ पर रखेंगे।

इसके अलावा संसद में आज भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सम्मानित करने के लिए विशेष चर्चा होगी। हाल ही में वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के सफल मिशन से लौटे हैं। चर्चा का विषय होगा – “विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की अहम भूमिका।”

संसदीय समितियों की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।

  • आजाद किर्ति झा और डॉ. कल्याण वैजीनाथराव काले रसायन एवं उर्वरक पर स्थायी समिति (2024-25) की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

  • बसवराज बोम्मई और रुद्र नारायण पाणि श्रम, वस्त्र एवं कौशल विकास पर स्थायी समिति की रिपोर्ट रखेंगे।

  • पीसी मोहन और गजेन्द्र सिंह पटेल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता पर समिति की रिपोर्ट पेश करेंगे।

विपक्ष का हंगामा

इस मानसून सत्र में विपक्ष का सबसे बड़ा विरोध बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) को लेकर रहा। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल असली मतदाताओं के नाम हटाने और फर्जी नाम जोड़ने के लिए किया जा रहा है, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। वहीं सरकार का कहना है कि यह चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक रखना है।

बुधवार को लोकसभा में बड़ा हंगामा तब हुआ जब विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन विधेयकों की प्रतियां फाड़कर उनकी ओर फेंक दीं। इनमें प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसे निर्वाचित प्रतिनिधि गंभीर आपराधिक मामलों में लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है।

अमित शाह द्वारा पेश विधेयक

गृह मंत्री ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए—

  1. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025

  2. केंद्रशासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक, 2025

  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

जम्मू-कश्मीर संबंधी संशोधन का उद्देश्य वहाँ के मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी/हिरासत की स्थिति में पद से हटाने की कानूनी व्यवस्था करना है।

विपक्ष ने इन विधेयकों का जोरदार विरोध किया। भारी नारेबाज़ी के बीच अमित शाह ने इन्हें संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee) को भेजने का प्रस्ताव रखा और अंततः ये तीनों बिल समिति के पास भेज दिए गए।

सरकार बनाम विपक्ष

संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष पर लगातार हंगामे का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी ज़िद के कारण वे कई अहम विधेयकों पर चर्चा से वंचित रह गए, जिन्हें अंततः पारित कर दिया गया।