चलती-फिरती टेलर की दुकान: आंध्रप्रदेश के दर्जी शेख कालेशा की अनोखी पहल

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 23-05-2025
Mobile tailor shop: Unique initiative of Andhra Pradesh tailor Sheikh Kalesha
Mobile tailor shop: Unique initiative of Andhra Pradesh tailor Sheikh Kalesha

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

आज के दौर में जहां बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई लोगों को आर्थिक रूप से परेशान कर रही है, वहीं कुछ लोग अपनी मेहनत, हुनर और रचनात्मक सोच से न केवल अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं बल्कि समाज को एक नई दिशा भी दिखा रहे हैं. 

आंध्रप्रदेश के एक ऐसे ही दर्जी शेख कालेशा ने पारंपरिक टेलरिंग के काम को एक नया मोड़ देते हुए चलती-फिरती टेलर की दुकान की शुरुआत की है, जो घर-घर जाकर लोगों के कपड़े सिलता है. यह विचार जितना अनोखा है, उतना ही व्यावहारिक और उपयोगी भी साबित हो रहा है. वानुकुरु आंध्र प्रदेश के कृष्णा में एक इलाका की ये कहानी है.
 
 
आइडिया की शुरुआत

यह कहानी है आंध्रप्रदेश के एक छोटे कस्बे के दर्जी की, जो वर्षों से एक सामान्य सिलाई की दुकान चलाते थे. पहले ग्राहक दुकान पर आते थे, नाप देते थे, और कुछ दिनों बाद कपड़े सिलवाकर ले जाते थे. लेकिन कोरोना महामारी और बदलते समय ने काम पर काफी असर डाला. लोग बाहर निकलने से कतराने लगे और दुकान पर ग्राहक कम आने लगे. ऐसे में दुकान का किराया जूता पाना भी मुश्किल था. इसीलिए  दर्जी ने अपने व्यवसाय को बचाने और कमाई बढ़ाने के लिए कुछ नया करने की ठानी.
 
दर्जी शेख कालेशा ने पहले एक आइसक्रीम की रेहड़ी 40,000 में ली और फिर 
उन्होंने अपने सिलाई के उपकरणों को एक छोटे वैन या ऑटो में सेट कर, उसे एक मोबाइल टेलरिंग यूनिट में बदल दिया. अब वे अपने इस चलती-फिरती टेलरिंग यूनिट के साथ घर-घर जाकर ग्राहकों के कपड़ों की नाप लेते हैं, वहीं सिलाई भी करते हैं और समय पर डिलीवरी देते हैं. इससे न केवल ग्राहकों को सुविधा मिली, बल्कि दर्जी की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई.
 
ग्राहकों के लिए फायदे

जब कोई ग्राहक मुझे कॉल करता है तो मेँ उनके घर जाकर उनका काम करता हूँ. इस सेवा से सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को यह हुआ कि उन्हें अब दर्जी की दुकान पर बार-बार जाने की जरूरत नहीं रही. बुज़ुर्ग, महिलाएं और कामकाजी लोग जो समय की कमी के चलते टेलर के पास नहीं जा पाते थे, अब इस सेवा का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. दर्जी उनके घर आता है, नाप लेता है, डिज़ाइन की चर्चा करता है और समय पर कपड़े डिलीवर करता है.
 
इसके अलावा, यह सेवा उन लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हो रही है जो गांव या दूरदराज़ इलाकों में रहते हैं, जहां टेलर की दुकानें कम होती हैं.
 
बिजनेस मॉडल और प्रेरणा

इस चलती-फिरती दुकान के जरिए दर्जी ने एक लघु व्यवसाय को एक स्मार्ट और मोबाइल बिजनेस मॉडल में बदल दिया. इसके लिए ज्यादा बड़े निवेश की भी जरूरत नहीं होती। एक छोटा वाहन, सिलाई मशीन, कुछ जरूरी उपकरण और अच्छी सेवा भावना – बस यही ज़रूरी है.
 
इस तरह का व्यवसाय आज के दौर में बहुत कारगर हो सकता है, खासकर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में. यह मॉडल अन्य कारीगरों और छोटे व्यवसायियों को भी प्रेरित कर सकता है कि वे अपनी सेवाओं को ग्राहकों के दरवाज़े तक कैसे पहुंचा सकते हैं.
 
भविष्य की संभावनाएं

इस आइडिया में आगे विस्तार की भी काफी संभावनाएं हैं. दर्जी अपने जैसे और लोगों को जोड़कर इसे एक फ्रैंचाइज़ी मॉडल में भी बदल सकते हैं. ऑनलाइन बुकिंग, मोबाइल ऐप्स और डिजिटल भुगतान जैसी सुविधाएं जोड़कर इसे और स्मार्ट बनाया जा सकता है. इस प्रकार यह व्यवसाय आने वाले समय में युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत और कमाई का नया जरिया बन सकता है.