MNREGA workdays in Jammu and Kashmir increased to 150, Lieutenant Governor Sinha expressed gratitude to the Centre.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत देते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम के दिनों की सीमा 100 से बढ़ाकर 150 दिन कर दी है। यह निर्णय विशेष रूप से उन इलाकों के लिए लिया गया है जो हाल के वर्षों में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में रोजगार की मांग बढ़ने के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर प्रशासन लंबे समय से इस अतिरिक्त सुविधा की सिफारिश करता आ रहा था।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रभावित परिवारों को 50 अतिरिक्त कार्यदिवस प्रदान करने का अनुरोध केंद्र को भेजा था। अब केंद्र सरकार की मंज़ूरी के बाद इन प्रभावित ग्रामीण परिवारों को कुल 150 दिनों का रोजगार उपलब्ध होगा। यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जिनकी आजीविका प्राकृतिक आपदाओं के कारण बाधित हो गई है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बढ़ती रोजगार ज़रूरतों और सार्वजनिक कार्यों की मांग को देखते हुए यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इससे न केवल ग्रामीण आय में स्थिरता आएगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों में भी गति मिलेगी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा कि यह कदम क्षेत्र के हजारों प्रभावित परिवारों को सीधी मदद देगा और उनकी आजीविका को सुरक्षा प्रदान करेगा।
सिन्हा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की 1,962 पंचायतों को ‘बाढ़ प्रभावित’ घोषित किया गया है, जिससे वहां रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में मनरेगा कार्यदिवसों में यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगी और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिरता को मजबूत करेगी।